Singrauli News सिंगरौली । भले ही चुनाव से पहले सभी पार्टियां क्षेत्रीय मुद्दों की बात करें, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, स्थानीय मुद्दे गायब होने लगे हैं बात जाति-बिरादरी की होने लगी है। कई ऐसे प्रत्याशी हैं, जो क्षेत्र में वोट मांगने से पहले उस क्षेत्र में जो जाति के ज्यादा वोट हैं, उनके मुखिया को अपने पक्ष में करने के सारे हथकंडे अपना रहे और साथ लेकर घूम रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, यह बढ़ने लगा है। चर्चा है कि एक समाज लंबे समय से जातीय समीकरण बनाकर चुनाव लड़ते आ रहे हैं। लेकिन इस बार सभी समाज के लोग इस एक जाति विशेष समाज के प्रत्याशियों को हराने का मन बना रहे हैं. Singrauli News
बता दें कि मतदान की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे ही भाजपा कांग्रेस बसपा समाजवादी आम आदमी पार्टी समेत निर्दलीय उम्मीदवारों के भ्रमण का दौर तेज हो गया है। लगभग सभी गांव और शहर के मोहल्लों में उम्मीदवार या उनके समर्थक संपर्क कर लेने का कार्यक्रम बना रहे हैं, जो चल भी रहा है। चुनाव में उम्मीदवार मैदान में हैं, वोटर अपने घर पर लेकिन, बदलाव यह आया है कि सभी प्रमुख दलों के स्थानीय मुद्दे गायब दिखाई दे रहे हैं। सभी दल के प्रत्याशी जाति बिरादरी के लोगों से सम्पर्क कर रहे हैं. Singrauli News
जनहित के मुद्दे हुए गायब
विधानसभा चुनाव में जनहित से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने का वादा या दावा अब पुरानी बातें हो चुका है। अब तक समीकरण बनाने के लिए प्रत्याशी जाति बिरादारी के गणित जोड़े जा रहे हैं। प्रत्याशी सभी जाति के रसूखदार लोगों से संपर्क साध रहें है। वहीं शहर और गांव में जाति के मजबूत व्यक्ति के पास उम्मीदवार पहले पहुंच रहे हैं, जिससे जाति के अनुसार मतदाताओं को साधा जा सके। जिले की सभी विधानसभाओं में जाति पर आधारित गणित से ही परिणामों के कयास लग रहे हैं। हर कोई अपने पक्ष की बिरादरी के बजाए नाराज जाति के लोगों को पहले साधने की कोशिश में लगा हुआ है. Singrauli News
एक जाति विशेष से समाज के लोग बना रहे दूरी
सिंगरौली विधानसभा सीट पर सभी दलों की विशेष नजर रहती है यहां सड़क हादसे, विस्थापन, प्रदूषण, पिछड़ापन जैसे कई बड़े स्थानीय मुद्दे है। इन मुद्दों को लेकर हर रोज डिबेट और स्थानीय अखबारों में आए दिन खबरें प्रमुखता से प्रकाशित किए जाते हैं लेकिन जब चुनाव होते हैं तो सभी स्थानीय मुद्दे गायब हो जातें है। स्थानीय मुद्दों की जगह प्रत्याशी जाति बिरादरी के समीकरण बनाने लगते हैं। इन दिनों चर्चा हैं कि एक जाति विशेष के कई नेता हर चुनाव में जातीय समीकरण बनाकर चुनाव लड़ते आए हैं। जो किसी दूसरे समाज को कभी भी वोट नहीं देते। इस जाति विशेष समाज के लोग भले ही किसी दल में हो लेकिन अपने जाति में ही वोट देते आ रहे हैंं। इस बार अन्य समाज के लोग इस जाति विशेष के प्रत्याशी के खिलाफ मतदान करने का मन बना रहे हैं। ताकि जातीय राजनीति करने वालों को सबक मिल सके. Singrauli News
सिंगरौली विधानसभा सीट पर सभी दलों की विशेष नजर रहती है यहां सड़क हादसे, विस्थापन, प्रदूषण, पिछड़ापन जैसे कई बड़े स्थानीय मुद्दे है। इन मुद्दों को लेकर हर रोज डिबेट और स्थानीय अखबारों में आए दिन खबरें प्रमुखता से प्रकाशित किए जाते हैं लेकिन जब चुनाव होते हैं तो सभी स्थानीय मुद्दे गायब हो जातें है। स्थानीय मुद्दों की जगह प्रत्याशी जाति बिरादरी के समीकरण बनाने लगते हैं। इन दिनों चर्चा हैं कि एक जाति विशेष के कई नेता हर चुनाव में जातीय समीकरण बनाकर चुनाव लड़ते आए हैं। जो किसी दूसरे समाज को कभी भी वोट नहीं देते। इस जाति विशेष समाज के लोग भले ही किसी दल में हो लेकिन अपने जाति में ही वोट देते आ रहे हैंं। इस बार अन्य समाज के लोग इस जाति विशेष के प्रत्याशी के खिलाफ मतदान करने का मन बना रहे हैं। ताकि जातीय राजनीति करने वालों को सबक मिल सके. Singrauli News