आरोपों से घिरे रामसजीवन को फिर मिला शाखा प्रबंधक का प्रभार,न्यायालय में चल रहे हैं कई मामले
सीधी–जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सीधी में नियमों को दरकिनार कर नियुक्ति करने का मामला अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह है कि आरोपों से घिरे कुछ कर्मचारियों को भी शाखा प्रबंधक की जिम्मेदारी देने का मामला प्रकाश में आया है। इसके अलावा बैंक में अवैध कार्य करने के बाद भी संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही से परहेज किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो गांधी के दम पर शाखा प्रबंधक राम सजीवन को संजीवनी मिली है
सहकारी बैंक में लाखों का गबन करने वालों पर विभाग की मेहरबानी इस तरह दिखी की निलंबित होने के बाद फिर उन्हे शाखा प्रबंधक का प्रभार दिया गया जबकि उनके खिलाफ कई मामले आज भी न्यायालय में लंबित हैं। आखिरकार इस तरह की मनमानी किसके कृपा से दिखी है यह समझ से परे है। दरअसल जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा गांधीग्राम में रामसजीवन सेन को शाखा प्रबंधक की जिम्मेवारी माह भर पहले मिली है। जबकि उनके खिलाफ लाखों का प्रकरण आज भी न्यायालय में विचाराधीन है। बताया गया है कि उनके खिलाफ समिति महुआ गांव में 10.20 लाख रूपये एवं समिति टिकरी में 7.50 लाख रूपये तत्कालीन समिति प्रबंधक रहते हुए घोटाला किया गया था। इतना ही नहीं रामसजीवन सेन ने ट्रेक्टर में फर्जी ऋण सहित अपने कार्यकाल के दौरान विश्वनाथ गुप्ता के नाम 3.03 लाख रूपये का चेक जारी डीडी ज्ञान ट्रेडर्स सीधी के नाम जारी की गई थी। इसी प्रकार कई डीडी उनके द्वारा फर्जी रूप से जारी की गई। समिति निवास में रहते हुए उनके द्वारा लाखों का फर्जीवाड़ा भी सामने आया था।
शिकायतों पर हो चुके हैं निलंबित
रामसजीवन सेन के खिलाफ फर्जीवाड़े की शिकायत होने के बाद निलंबित होने सहित उनके खिलाफ बैंक में धोखाधड़ी का मामला होने सहित थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई थी। जिनका प्रकरण अभी भी न्यायालय में चल रहा है। लेकिन गांधीग्राम शाखा में दिलराज सिंह शाखा प्रबंधक को हटाने के बाद आदेश दिया गया था कि सीनियर को शाखा प्रबंधक की जिम्मेवारी दी जाये लेकिन नियमों को दरकिनार कर रामसजीवन सेन को जिम्मेदारी दी गई है। जो नियम के विपरीत है। इसका विरोध हर जगह शुरू हो गया है। जाहिर है कि कहीं न कहीं विभागीय लापरवाही के कारण धोखाधड़ी में लिप्त लोगों को इस तरह का महत्व दिया जा रहा है जो नियम के विपरीत है।
आखिर बैंक का है तो कर्मचारी : गौतम
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के सीईओ जीएम गौतम ने कहा कि उनके खिलाफ शिकायतें तो हैं लेकिन आखिरकार वो भी बैंक के कर्मचारी हैं। जब उनसे यह सवाल किया गया कि रामसजीवन के खिलाफ खयानत के कई मामले लंबित हैं इस पर जवाब देने के वजाय श्री गौतम ने कहा कि बैंक में आकर बैठकर बात करेंगे।
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