फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने दिया इस्तीफा
भोपाल । पिछले कई हफ्तों से मध्य प्रदेश की राजनीति में हो रहे सियासी घमासान के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बना ली। भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार रात 9 बजे एक बार फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसी के साथ उन्होंने चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रच लिया है। जिसेे तोड़ना अब किसी के आसान तो बिल्कुल नहीं होगा। उनके मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य ने आज शपथ नहीं ली। हालांकि मंत्रिमंडल में कौन विधायक होगा इस पर भी अब मंथन होने लगा है।शिवराज सिंह चौहान राज्य के 32वें मुख्यमंत्री है। प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले व्यक्ति हैं। इससे पहले राजधानी भोपाल विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान को नेता चुन लिया गया था।। इस फैसले के बाद अब चौहान के चौथी बार मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था। दरअसलदेश एवं विश्व में चल रहे कोरोना वायरस के खतरे के चलते कार्यक्रम को संक्षिप्त एवं सामान्य रखा गया। इसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा चुनिंदा विधायक उपस्थित थे। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनते हैं कमलनाथ ने बधाई दी। इससे पहले विधायक दल की बैठक में राज्य पर्यवेक्षक अरुण सिंह और विनय सहस्रबुद्धे शामिल रहे।
चार बार मुख्यमंत्री बने शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने सीएम पद की शपथ लेने के बाद चौथी बार मध्य प्रदेश की बागडोर संभाली है. पहली बार वह 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने जबकि 8 दिसंबर 2013 को तीसरी बार शिवराज सिंह सीएम पद की शपथ ली थी.
क्यों गिरी कमलनाथ सरकार ?
हाल में ही मध्य प्रदेश से कमलनाथ सरकार अस्थिर हुई है. दरअसल, कमलनाथ सरकार में गुटबाजी के चलते कई विधायक सरकार से नाराज चल रहे थे जहां कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इसमें 6 मंत्री शामिल थे. स्पीकर ने मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था.इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी, लेकिन फ्लोर टेस्ट कराने की बजाए सदन को स्थगित कर दिया गया था.
फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने दिया इस्तीफा
इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया. लेकिन तब तक कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी आदेश के बाद स्पीकर ने सभी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर किया और फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
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