mayor’s inspection : (Manoj Kumar) सिंगरौली। नगर निगम सिंगरौली (Municipal Corporation Singrauli) को लेकर आए दिन भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली कहानी निकलकर सामने आ रही है जनहित की योजनाओं में अधिकारियों एवं कर्मचारियों (Officers and employees in public interest schemes) के साथ ठेकेदारों की मिलीभगत के मामले में हमेशा से उंगली उठती रही है। लेकिन निगम के जिम्मेदार अधिकारी भी संबंधित मामले को गंभीरता से ना लेते हुए मामले पर लीपापोती कर मामले को दबा देते हैं और वर्षों से चल रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने की बजाय उसे और बढ़ावा मिल जाता है फिर चाहे प्रधानमंत्री आवास का मामला हो या फिर आरो प्लांट का मामला (Whether it is the case of Prime Minister’s residence or the case of ARO plant) सीवर लाइन सहित नल जल योजना के मामले में भी ऐसा ही हाल प्रतीत हो रहा है।
mayor’s inspection : बीते दिवस महापौर रानी अग्रवाल के द्वारा निरीक्षण के उपरांत ऐसे ही एक भ्रष्टाचार का मामला सुर्खियों में आ गया। अब इस मामले को लेकर महापौर ने स्थितियां साफ करते हुए कहा कि संबंधित मामले में दोषी अधिकारियों कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा और यह तो देखने वाली बात होगी कि लंबे अरसे से जमे ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों के ऊपर क्या कार्रवाई होती है जो कि इस भ्रष्टाचार के पीछे की प्रमुख वजह माने जा रहे हैं।
प्रदूषण की मार झेल रहे सिंगरौली वासियों के स्वास्थ्य सुविधा के मद्देनजर एक तरफ जहां एनजीटी की टीम ने सिंगरौली जिले में प्रदूषण की स्थिति पर अपनी पैनी नजर जमाई हुई है एवं समय-समय पर कई जरूरी दिशानिर्देश भी जारी किया जाता है। ऐसे में शहर के वासिंदों के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर 13 आरओ प्लांट की स्थापना वर्ष 2014-15 में करवाई गई थी।
बता दें कि संबंधित प्लांट के संचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम सिंगरौली को दी गई। जबकि पिछले कुछ सालों से लगातार स्थानीय लोगों के द्वारा शिकायत की जा रही थी कि स्थापित किए गए आरो प्लांट नहीं चल रहे हैं। जिससे लोगों को स्वच्छ पेयजल को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। संबंधित मामले को लेकर स्थानीय लोगों की शिकायतों को कहीं भी कोई तवज्जो नहीं मिला है। mayor’s inspection
ऐसे में स्थानीय जनता के द्वारा आम आदमी पार्टी की महापौर रानी अग्रवाल से संबंधित मामले की शिकायत की। शिकायत होने के उपरांत मामले की सत्यता को जानने के लिए महापौर रानी अग्रवाल ने स्वयं शिकायत की जांच करने मौके पर पहुंची थी। मौके पर पहुंचने के उपरांत आम जनमानस की काफी भीड़ इकट्ठी हो गई एवं संबंधित मामले में महापौर ने पाया की मौके पर मौजूद आरो प्लांट पिछले कई सालों से कार्यरत नहीं है। mayor’s inspection
आरो प्लांट मे हुआ करोड़ों का घोटाला
नगर निगम क्षेत्र में स्थापित किए गए आर ओ प्लांट को लेकर ग्राउंड जीरो की हकीकत जानने पहुंची महापौर रानी अग्रवाल ने भी माना कि संबंधित मामले में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। जिस जिस पर श्रीमती अग्रवाल ने कहा कि संबंधित मामले में जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी नगर निगम सिंगरौली के अधिकारी कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों की शिकायत पर जमीनी हकीकत जानने पहुंची महापौर रानी अग्रवाल के संज्ञान में जब यह बात आई कि आरो प्लांट पिछले कई वर्षों से ठप पड़ा हुआ है, पानी की टंकी भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। जिस पर पानी भरना संभव ही नहीं है। काफी अनियमितताएं होने के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा लाखों रुपए का भुगतान ठेकेदार को किया जा रहा था।
विकास के नाम पर लूट रहे अधिकारी
नगर निगम सिंगरौली के अधिकारियों की कार्यशैली का यह कोई पहला मामला नहीं है नगर निगम क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों के नाम पर कई बार भ्रष्टाचार की बातें उठी हैं। पर मजाल है कि किसी जिम्मेदार अधिकारियों ने किसी भी भ्रष्टाचार के मामले में कभी भी किसी अधिकारी कर्मचारी के ऊपर कारवाई की हो। एक शासकीय कर्मचारी को नियंता कुछ वर्षों में स्थानांतरित कर दिया जाता है लेकिन सिंगरौली नगर निगम में दर्जनों अधिकारी ऐसे पड़े हुए हैं। जो कि कई दशकों से सिंगरौली जिले में ही पदस्थ होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लंबे अरसे से जमे अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार एक कार्य को अंजाम देते रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास के नाम पर भी वर्षों से रह रह कर भ्रष्टाचार की बातें निकल कर सामने आई हैं लेकिन संबंधित मामले में भी जिम्मेदार अधिकारियों ने सिर्फ कोरम पूरा करने का कार्य किया है। mayor’s inspection