सीआईडी व एसटीएफ से जांच कराने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन,सीडीआर से होगा कई चौंकाने वाला खुलासा,
सिंगरौली– अवैध उत्खनन व परिवहन रोकने गए खनिज निरीक्षक के साथ रेत माफियाओं द्वारा प्राण घातक कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. इस घटना जहां पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है लेकिन पुलिस कार्रवाई व स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल रिपोर्ट में संयुक्त अधिकारी कर्मचारी संघ ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्मचारी संघ ने नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। मध्य प्रदेश कर्मचारी संघ के सचिव नरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने खनिज निरीक्षक के मेडिकल परीक्षण पर सवाल उठाते हुए मेडिकल बोर्ड से दुबारा मेडिकल कराने की मांग करने के साथ इस पूरे मामले की सीआईडी व एसटीएफ पुलिस सें जांच करने की मांग की है।
इस दौरान कर्मचारी संघ ने आरोप लगाते हुए कहा कि रेत माफिया खनिज निरीक्षक पर कुल्हाड़ी,लाठी, डंडा,फरसा से प्राणघातक हमला किया बावजूद इसके बरगवां पुलिस ने आरोपियों के ऊपर- 307 की धारा नहीं लगाई बल्कि साधारण मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को लाभ पहुंचाया गया है। कर्मचारी संघ के सचिव में बरगवां थाना प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध रही है। इसीलिए पुलिस साधारण धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
कर्मचारी संघ के सचिव नरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरी घटना का सूत्रधार बरगवां में पुलिस है अवैध उत्खनन में लिप्त व्यक्तियों द्वारा योजना अनुसार कुल्हाड़ी लाठी डंडा फरसा से प्राणघातक हमला किया गया खनिज निरीक्षक के वाहन चालक के ऊपर जब कुल्हाड़ी से हमला किया गया तो पहली बार गाड़ी के शीशे में लगा उसी दौरान कई लोगों ने खनिज निरीक्षक को जमकर पीटा है जिससे वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गए रेत माफियाओं ने जब उन्हें मृत मान लिया तो तब कहीं जाकर उन्हें छोड़कर वह चले गए इस पूरी घटना पर पुलिस द्वारा लगाई गई धाराएं एवं स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। प्राणघातक हमला होने तथा संतोषजनक कार्यवाही ना होने पर कर्मचारी जगत में रोष व्याप्त है।
सीडीआर को लेकर पुलिस नहीं है संजीदा
गनीमत रही कि रेत माफियाओं की इस हमले में खनिज निरीक्षक सहित किसी खनिज हमले की मौत नहीं हुई लेकिन हमला इतना बड़ा था कि किसी की भी जान जा सकती थी यदि यही घटना पुलिस विभाग की किसी कर्मचारी के साथ हो जाती तो यही पुलिस रेत माफियाओं की ईट से ईट बजा देते लेकिन खनिज विभाग के खनिज निरीक्षक के ऊपर हमले को लेकर पुलिस विभाग महज दो आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी खुद की पीठ थपथपा रही है तो वही सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि आखिर पुलिस सीडीआर की डिटेल क्यों नहीं निकाल रही क्या पुलिस को इस बात का अंदेशा है कि यदि सीडीआर डिटेल निकाली गई तो कई पुलिसकर्मी भी इस कार्यवाही के जद में आएंगे। शायद यही वजह है कि सीडीआर मामले को लेकर पुलिस बिल्कुल भी संजीदा नहीं है। सूत्रों की मानें तो सीडीआर की डिटेल निकाली गई तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।