MP News : सिंगरौली – एक तरफ जहां सबकी नजर यह है कि सिंगरौली विधानसभा में भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी किसे अपना प्रत्याशी बनाती है और फिर कौन जीतेगा। बेशक सत्ता अधिकार, प्रभाव, ठाठ बाट और विशेषाधिकार और पैसा लाती है। एक दौर था जब सेवा का अवसर पाने के लिए सत्ता की चाहत होती थी लेकिन आदर्शवाद कितना बचा यह आप खुद समझिए ? भारतीय परंपरा में शक्तिशाली या सत्ताधारी व्यक्ति से अपनी सत्ता दिखाने के मामले में मितभाषी अभिनम होने की उम्मीद नहीं की जाती है पिछले दिनों भाजपा के कई स्थानीय नेताओं के वीडियो वायरल हुए उससे बखूबी समझा जा सकता है। MP News :
बता दें कि 18 वीं सदी में जब अंग्रेजों का शासन था उस समय लॉर्ड वेलेस्ली लंदन में ईस्ट इंडिया कंपनी से कहा था कि स्थानीयों पर शासन करने के लिए महल बनाना जरूरी है ताकि वे उनके विस्मय के आगे नतमस्तक हो जाएं। यह शानदार बात आज भी लागू होती है। अब यह अलग बात है कि अंग्रेजों के जाने से हमें राजनीतिक आजादी तो मिल गई लेकिन हमारे नए शासकों ने सत्ता का आडंबर जारी रखा। कुछ ऐसा ही इन दिनों सीधी सिंगरौली सांसद रीति पाठक के लिए यह लाइनें सटीक बैठ रही हैं वह भले ही सीधी में जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रही हैं लेकिन सिंगरौली में ऐसा बिल्कुल नहीं है। फिर सिंगरौली में इतना बड़ा महल बनाने की जरूरत क्यों। हालांकि यह जमीन सांसद रीति पाठक के पति रजनीश पाठक के नाम पर है।
राजस्व अधिकारियों की बात माने तो सांसद रीति पाठक के पति रजनीश पाठक शहर के बीचो बीच पाॅस एरिया में करीब 10000 स्क्वायर फीट की बेशकीमती जमीन खरीदी है और यहां पर राजा महाराजाओं की तरह गुंबद नुमा बहुमंजिला इमारत खड़ी की जा रही है। करोड़ों रुपए की लागत में बन रही यह बहुमंजिला इमारत के सामने वहां आसपास बने घर झोपड़ी जैसे दिखने लगे हैं।बता दें कि नेताओं की सोच यही रही है कि जिनके पास सत्ता जाए वह अगर दूसरों को अपना रूतवा ना दिखा पाए तो सत्ता किसी काम की नहीं। इससे समझ आता है कि हम क्यों सदा दिखाने के मामले में अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ रहे हैं सत्ता और हैसियत से जुड़े यह लक्षण हमारे लोकतंत्र के कामकाज में दिखते हैं।
सोशल मीडिया में सांसद हो रही ट्रोल
फेसबुक में संदीप चंदेल नामक यूजर ने सांसद रीति पाठक के घर की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ए घर भले ही सांसद रीति पाठक जी का हो। यह घर उन्होंने गरीबों के लिए बनवाया है और आने वाले समय मे इस घर मे गरीब रहेंगे। आपलोग उनके छवि को धुमिल मत कीजिए ए घर सिंगरौली जिले के गरीब जनता के लिए बनाया गया है ऐसा उनके सिंगरौली के भाइयों का कहना है।सबका साथ सबका विकाश मोदी है तो मुमकिन है। इस पर एक यूजर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि एनएच 39 आगामी रूपरेखा और सिंगरौली का विकास यही से तय होगा। एक यूजर ने लिखा कि हो सकता है कि सांसद महोदय अपने खून पसीने से यह घर बनवा रही हैं आप लोग क्यों परेशान हैं। वही देख लूजर ने सांसद का बचाव करते हुए लिखा कि लगता है नेताओ को घर बनवाने का और घर मे रहने का अधिकार नही है ।कांग्रेस अलग ही संविधान का निर्माण कर रही है जिसमे सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस के नेताओ के अनुसार देश चलेगा ।किसको घर बनाना है किसको घर नही बनाना है और किसको घर मे रहना है किसको नही रहना ये अब कांग्रेस वाले तय करेंगे ।यही मानसिकता कांग्रेस को घर से बेघर कर दी है। MP News :
अभी पिछले दिनों यह बात सुर्खियों में रही कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आधिकारिक आवास बनाने में करीब 45 करोड़ खर्च किए हैं। घर में लगे हुए पर्दे 5 से 7 लाख के बताए जा रहे हैं। यह अलग बात है कि जब वह अन्ना हजारे के साथ लोकपाल बिल लाने की लड़ाई लड़ रहे थे। उस दौरान कहते थे कि नेताओं की सुरक्षा और ऐसो आराम करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाते हैं जो बिल्कुल गलत है। हालांकि यह प्रवृत्ति सभी दलों में देखी जा सकती है हमारे प्रधानमंत्री भी नया घर बनवा रहे हैं जो उनके रुतबे से मेल खाए इसके पूरा होने तक कथित तौर पर करीब 500 करोड रुपए खर्च होंगे ज्यादातर भारतीयों को इस पर एतराज नहीं होगा सत्ता की ताकत जो खुद का दिखावा ना करें उसे सम्मान नहीं मिलता।
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