Adani group : कोरबा(आधार स्तंभ) : लैंको अमरकंटक पावर प्लांट के दिवालिया होंने के बाद कई औद्योगिक घराने अधिग्रहण के लिए आगे आए। उनमें से एक जिंदल पावर ने सबसे बड़ा ऑफर देकर अचानक पीछे हट गया इसके बाद से चर्चा होने लगी क्या अदानी ग्रुप से जिंदल ग्रुप डर गया या इसके पीछे पहले ही कुछ और स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी। जिसकी वजह से जिंदल परिवार खुद को अलग करना मुनासिब समझा।
बता दें कि दिवालिया कंपनी को अपने नाम करने के लिए जिंदल पावर में सबसे बड़ा ऑफर देने के के बाद अचानक अपनी बोली वापस ले ली। दरअसल अडानी समूह ने पिछले साल नवंबर में सबसे पहले 3,650 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। उसके बाद अडानी ने अपने ऑफर में सुधार करते हुए दिसंबर में उसे बढ़ाकर 4,101 करोड़ रुपये कर दिया था। वहीं नवीन जिंदल की कंपनी जिंदल पावर ने प्रक्रिया में दिलचस्पी दिखाते हुए 12 जनवरी को आवेदन किया था। जिंदल पावर ने 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी के साथ 16 जनवरी को 4,203 करोड़ रुपये का ऑफर पेश किया था, लेकिन बाद में कंपनी अपनी बोली वापस लेते हुए पीछे हट गई थी। Adani group
छत्तीसगढ़ में विकास की एक नई किरण के रूप में , अडानी ग्रुप ने लैंको अमरकंटक पावर प्लांट को अधिग्रहित करने की ओर अपना कदम बढ़ा दिया है। अडानी अब एक दिवालिया पावर कंपनी (bankrupt power company)खरीदने जा रहे हैं। अडानी ग्रुप(Adani Group) की कंपनी अडानी पावर को लैंको अमरकंटक पावर (Lanco Amarkantak Power)खरीदने के लिए क्रेडिटर्स की मंजूरी (Creditors’ approval)मिल गई है। National Company Law Tribunal (NCLT) में चल रही इस प्रक्रिया के समाप्त होने के साथ, राज्य का सबसे बड़ा विद्युत संयंत्र का विस्तार होने जा रहा है। इस परियोजना के साथ, अडानी पॉवर छत्तीसगढ़ ऊर्जा सुरक्षा की नई ऊंचाइयों को छू सकेगा। Adani group
बता दें कि वर्तमान में लैंको की दो इकाइयाँ संचालित है पहली इकाई 300 MW की जबकि दूसरी 600 MW विद्युत का उत्पादन कर रही हैं, जिसे मध्य प्रदेश और हरियाणा को बिजली की आपूर्ति की जा रहा है। दिवालिया कम्पनी को अडानी पॉवर द्वारा अधिग्रहण करने के बाद निर्माणाधीन अधूरे संयंत्र के काम को पूरा किया जाएगा, जिसमें 660-660 MW की दो नई इकाइयों का विस्तार होगा। इस विस्तार के साथ, इस परियोजना की कुल क्षमता 3,240 MW हो जाएगी, जो इसे छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा विद्युत संयंत्र बना देगा। मंगलवार को कंपनी की फाइलिंग के अनुसार अडानी पावर को दिवालिया लैंको अमरकंटक पावर के अधिग्रहण के लिए समाधान योजना के लिए क्रेडिटर्स की मंजूरी मिल गई है। Adani group
पताढ़ी में संचालित लैंको अमरकंटक पावर पर वर्तमान में 14,632 करोड़ का कर्ज है, और इसके दूसरे चरण के निर्माण कार्य 70% पूर्ण हो चुके हैं।बताया जा रहा है कि प्रारंभ काल से ही लैंको संयंत्र से आंध्र प्रदेश 300 मेगावाट विद्युत आपूर्ति कर रही थी। बिल के विवाद को लेकर बिल का भुगतान रोक दिया गया। इसके निर्माण के बीच ही कंपनी की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई और काम बंद करना पड़ा। Adani Power द्वारा इसे अधिग्रहण करने के बाद, न केवल इस परियोजना को नई दिशा मिलेगी, बल्कि इससे जुड़े 1759 भू-विस्थापितों को नई आशा की किरण भी मिलेगी। इस अधिग्रहण से नौकरी और मुआवजे की आशा रखने वाले किसानों और ठेका मजदूरों को भी नया संबल मिलेगा और रोजगार के अवसर खुलेंगे। Adani group
सूत्रों का दावा है कि जिंदल ने सबसे बड़ी 4,210 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, लेकिन बाद में अपनी पेशकश वापस ले ली। इसके बाद कर्ज देने वाले केंद्र सरकार के उद्यम पीएफसी व बैंकों ने एनसीएलटी के समक्ष नए सिरे से बोली आमंत्रित करने की बात रखी थी। तमाम प्रक्रियाओं के बाद अब अंतत: लैंको के संचालन की जवाबदारी अदाणी समूह को मिलने जा रही। छत्तीसगढ़ में अदाणी की यह तीसरा पावर प्लांट होगा। यह न केवल छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा को नई पहचान देगा, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेगा। इस परियोजना के साथ, अदाणी समूह ने एक बार फिर से अपनी प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता का प्रमाण दिया है, जिससे न केवल ऊर्जा क्षेत्र में बल्कि समाज के हर वर्ग के विकास में योगदान दिया जा सके। Adani group