NSE:SAT ने कहा कि लोड बैलेंसर ( Load balancer ) नहीं लगाना NSE की तरफ से चूक थी. इसलिए NSE पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है. इस लिहाज से सेबी कूल ( SEBI is cool ) लगाए गए जुर्माने में से 100 करोड़ रुपए काटकर बाकी बची रकम 6 हफ्ते के अंदर रिटर्न करना होगा. इसके तहत दोनों पर लगे सेबी के प्रतिबंध को ₹625 Cr के डिस्गॉर्जमेंट का ऑर्डर किया खारिज कर दिया है.
सुरक्षा अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) ने एनएसई को-लोकेशन मामले में सोमवार को ऐतिहासिक ( Monday is historic ) फैसला सुनाया। इसके तहत 625 करोड़ रुपये के हस्तांतरण के आदेश को खारिज कर दिया गया है. साथ ही चित्रा रामकृष्णन और रवि नारायण ( Ravi Narayan ) को बड़ी राहत दी है। इसके तहत दोनों पर लगे सेबी के प्रतिबंध को ₹625 Cr के डिस्गॉर्जमेंट का ऑर्डर खारिज कर दिया.
SAT ने एक अहम फैसला दिया है
सैट ने कहा कि एनएसई ने को-लोकेशन पर कोई अवैध मुनाफा नहीं कमाया. इसलिए सेबी द्वारा लगाया गया 625 करोड़ रुपये का जुर्माना और 12% ब्याज पूरी तरह से गलत है। ऐसे में एनएसई को सिर्फ 100 करोड़ रुपये चुकाने होंगे. NSE
⚡️#BreakingNews | NSE को-लोकेशन केस में SAT का अहम फैसला
— Zee Business (@ZeeBusiness) January 23, 2023
?₹625 Cr के डिस्गॉर्जमेंट का आदेश खारिज किया
?@NSEIndia ने को-लोकेशन में कोई अवैध लाभ नहीं कमाया, ₹100 Cr काटकर बाकी पैसा 6 हफ्ते में लौटाएं: SAT
जानिए पूरी डिटेल्स ब्रजेश कुमार से…@BrajeshKMZee #NSEColocation pic.twitter.com/RnBTsZxF0s
सेबी को 6 हफ्ते के अंदर पैसा वापस करना है
सैट ने कहा कि लोड बैलेंसर ( Load balancer ) स्थापित नहीं करना एनएसई की ओर से एक गलती थी. इसलिए एनएसई पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा रहा है। इस लिहाज से सेबी को लगाए गए कुल जुर्माने में से 100 करोड़ रुपये की कटौती करनी होगी और बाकी की रकम 6 हफ्ते के भीतर लौटानी होगी.
चित्रा रामकृष्णन और रवि नारायण को भी राहत मिली है
सैट ने इस मामले में रवि नारायण और चित्रा रामकृष्णन के खिलाफ भी बड़ा फैसला सुनाया है। इसके तहत सेबी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को खारिज किया जाता है। बता दें कि सेबी ने रवि नारायण और चित्रा रामकृष्णन ( Ramakrishnan and Ravi Narayan ) पर 5 साल के लिए किसी भी लिस्टेड कंपनी, डिपॉजिटरी या ट्रेडिंग फर्म ( Depository or trading firm ) में किसी पद पर बने रहने पर रोक लगा दी है। दोनों की सैलरी 25 फीसदी कम करने के फैसले को SAT ने गलत बताते हुए खारिज कर दिया है। किसी के वेतन में इस तरह की कटौती ठीक नहीं है। क्योंकि आप कड़ी मेहनत करते हैं और सैलरी पाते हैं. NSE