Bore basi tihar : (Manoj Kumar) बोर-बासी छत्तीसगढ़ का पारंपरिक व्यंजन है।(Bor-Basi is a traditional dish of Chhattisgarh) इसमें किसान की मेहनत का हिसाब होना चाहिए। आईएएस-आईपीएस, मंत्री और विधायक भी एक मई का हिसाब दिखाते(IAS-IPS, Ministers and MLAs also show the account of May 1) हैं. कानून के आगे भी हैं ये फनी तस्वीरें, देखिए ये रिपोर्ट विश्व प्रसिद्ध न्यूयॉर्क सिटी टाइम्स स्क्वायर (world famous new york city times square) (अमेरिका) में रायपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल सिंह इंदुरिया को देश विदेश से आए धर्मगुरु बोर बसी खाकर प्रदेश में संदेश दिया गया है।
Bore basi tihar : पिछले साल देशभर में बोरे-बासी को लेकर गरमागरम चर्चा हुई थी। दरअसल छत्तीसगढ़ में गर्मी के दिनों में ग्रामीण इलाकों में बासी खाना खाने का चलन है। इसीलिए राज्य सरकार ने मजदूर दिवस को बोर बस्सी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
हॉलैंड में बोरे-बासी
हॉलेंड के शहर ऐम्सटर्डम में रहने वाले मनीष पाण्डेय ने बोरे बासी खाकर वतन एवं छत्तीसगढ़ की पावन धरा को याद किया। मनीष जांजगीर जिले के मूल निवासी हैं।
खेत के मेड़ पार म, डोंगरी जंगल खार म बड़ सुहाथे बासी
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद ने अग्रिम पंक्ति की पुलिस टीम के साथ कार्यकर्ताओं के सम्मान में बोरे-बासी का आनंद लिया। जंगली इलाके में होने के कारण उसकी रायफल भी पास में रखी हुई थी।
कांकेर की जिलाधिकारी
कांकेर की जिलाधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला ने छत्तीसगढ़ के तमाम मेहनतकश लोगों के सम्मान में बोरे-बासी खाकर बोरे बासी तिहार में अपनी सहभागिता दी।. उसने मिट्टी के बर्तन से बोरे-बासी का स्वाद चखा।
कैसे बनता है बोरे बासी
दरअसल एक मई को प्रदेश में बोरे बासी दिवस मनाया जाएगा। इसके लिए राजधानी रायपुरा में व्यापक तैयारी चल रही है। कार्यकर्ताओं के साथ बासी बोरे खाएंगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल. हम आपको बताते हैं कि वास्तव में बोरी और बासी दो प्रकार के भोजन हैं लेकिन वे एक ही हैं। यह डिश पके हुए चावल को पानी में भिगो कर दही, अठन्न पापड़, चटनी, बिजोरी, भाजी जैसी चीजों के साथ खाई जाती है. कुछ घंटों के लिए पुराने होने पर बोरे को बासी कहा जाता है।
बड़े बड़े होटलों में भी परोसा जाता है बोरे-बासी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर एक मई को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर प्रदेश में श्रमिकों के सम्मान में बोरे बासी तिहार का आयोजन किया जा रहा है. इसके अलावा बोरे बासी की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि बोरे बासी को छत्तीसगढ़ के प्रमुख होटलों के मेन्यू में भी जगह मिल गई है। दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को अब होटलों में छत्तीसगढ़ के खाने-पीने की व्यापक रेंज मिल रही है।