cryogenic tank: क्रॉयोजेनिक टैंक (cryogenic tank) 162 डिग्री के तापमान में बायोमीथेन को लिक्विफाइड करता है.
देशभर में बढ़ते पेट्रोल और दाम के बीच अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों ( Electric vehicles ) की डिमांड बढ़ रही है. कहा जा रहा है कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई देश अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलाने की तैयारी में लगे हुए हैं. इस बीच कई कंपनियां हाइड्रोजन ( Companies Hydrogen ) से चलने वाली गाड़ियों को लांच करने की तैयारी कर रही हैं. इस बीच अब एक वैज्ञानिक ने गोबर से चलने बाले ट्रैक्टर बनाया है. दावा किया जा रहा है कि यह ट्रैक्टर इको फ्रेंडली है और यह पेट्रोल डीजल से चलने वाले ट्रैक्टरों की तरह ही पावरफुल है.
बता दें कि अंग्रेज वैज्ञानिकों ने गाय के गोबर से चलने वाला ट्रैक्टर बनाया है. जानकारों का मानना है कि गाय के गोबर से तैयार बायोमीथेन ईंधन से 270 बीएचपी का ट्रैक्टर भी आसानी से चलाया जा सकता है. ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने ट्रैक्टर चलाने के लिए गाय के गोबर में पाई जाने वाली मीथेन गैस का इस्तेमाल किया है. cryogenic tank
इस ट्रैक्टर को बेनामन कंपनी ने बनाया है दावा किया जा रहा है कि इस ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस(performance) आम ट्रैक्टर जैसी ही होगी.इससे प्रदूषण ( Pollution ) भी कम होगा.इस ट्रैक्टर के लिए करीब 100 गायों के गोबर को इकट्ठा कर बायोमीथेन ( Biomethane ) में बदला गया है. cryogenic tank
डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच किसानों के लिए एक अच्छी खबर ( good news ) सामने आई है. एक ब्रिटिश कंपनी ( British company ) ने गोबर से चलने वाला ट्रैक्टर विकसित ( Tractor developed ) किया है। यह ट्रैक्टर पूरी तरह गाय के गोबर से चलेगा इससे लागत कम आएगी और किसानों को भी फायदा होगा दावा है कि यह दूसरे ट्रैक्टर्स (Another tractor) की तरह ही काम करेगा.cryogenic tank
आपने सुना होगा कि गाय के गोबर का इस्तेमाल खाद और पेंट के रूप में किया जाता है, लेकिन आपने इसे ईंधन(fuel) के रूप में इस्तेमाल होते नहीं देखा होगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक (according to) अब कृषि यंत्र गोबर से चलाए जाएंगे. इस रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा ट्रैक्टर तैयार किया गया है, जो गोबर पर चलेगा. इसका नाम टी7 है आइए एक नजर डालते हैं इस ट्रैक्टर पर cryogenic tank
ये है इस ट्रैक्टर की खासियत
ब्रिटिश वैज्ञानिकों (British scientists) ने गाय के गोबर से चलने वाला ट्रैक्टर बनाया है. इस ट्रैक्टर को बेनामन कंपनी ने बनाया है.दावा किया जा रहा है कि इस ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस (performance) आम ट्रैक्टर जैसी ही होगी.इससे प्रदूषण (Pollution) भी कम होगा. इस ट्रैक्टर के लिए करीब 100 गायों के गोबर को इकट्ठा कर बायोमीथेन में बदला गया है. cryogenic tank
ईंधन में कैसे परिवर्तित करता हैं
टी7 ट्रैक्टर में (cryogenic tank) क्रायोजेनिक टैंक लगाया गया है.यह ईंधन की तरलता बनाए रखेगा.
(cryogenic tank) क्रायोजेनिक टैंक 160 डिग्री के तापमान पर बायोमीथेन को द्रव फार्म करता है।
गोबर से बने इस ईंधन (fuel) से 270 बीएचपी का ट्रैक्टर आसानी से चल सकता है.
ब्रिटिश वैज्ञानिकों (British scientists) ने ट्रैक्टर चलाने के लिए गाय के गोबर में पाई जाने वाली मीथेन गैस का इस्तेमाल किया है।
यह ठीक उसी तरह है जैसे हम ( CNG ) गैस से वाहन चला रहे हैं।
किसानों का खर्च कम होगा
किसानों को ये ट्रैक्टर मिलने के बाद उनका अतिरिक्त खर्च (Additional expenses) भी कम हो जाएगा और काम बहुत फास्ट करेगा.
अतिरिक्त खर्च में कमी आने से किसान बची हुई राशि का उपयोग फसल (Use crop) के सुधार में कर सकेगा
इससे उपज बढ़ेगी और किसानों का मुनाफा भी बढ़ेगा. cryogenic tank
आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ट्रैक्टर के प्री-प्रोडक्शन मॉडल का एक वर्ष के लिए परीक्षण (test) किया गया था
दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के कॉर्नवाल काउंटी में एक खेत पर परीक्षण के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (Dioxide emissions) केवल एक वर्ष में 2,500 मीट्रिक टन से 500 मीट्रिक टन तक कम हो गया था. cryogenic tank