Rakha Bandhan Muhurat 2023 : तदनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन: (Raksha Bandhan) पर पंचक और भद्रा काल भी बन रहा है. यही वजह है. कि इस साल !रक्षाबंधन दो दिन मनाया जाएगा.
हिंदू भारतीय परिवार में इसका बड़ा महत्व माना जाता है.
Rakha Bandhan Muhurat 2023: सनातन धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार को विशेष महत्व दिया जाता है. वह रक्षाबंधन के दिन का बेसब्री से इंतजार करती है. इस दिन वह अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है. और बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है. और कहता है मैं तेरा रक्षक हूं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल रक्षाबंधन पर पंचक और भद्रा काल का भी निर्माण हो रहा है. यही वजह है .कि इस साल रक्षाबंधन दो दिन मनाया जाएगा. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे कि भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए. भारत पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन बांधने का सही मुहूर्त देखकर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य की पुत्री का नाम था और भद्रा राजा शनि की बहन भी थीं .जैसे शनिदेव को कठोर माना जाता है.वैसे ही भद्रा को भी अपने भाई शनि की तरह कठोर माना जाता है. भद्रा के स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उसे कालक्रम के एक प्रमुख भाग विष्टि करण में रखा. इतना ही नहीं भद्रा की स्थिति में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है. भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती अयोध्या के ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते है. कि एक बार ब्रह्मा जी ने भद्रा को श्राप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा के समय में कोई भी शुभ कार्य करेगा उसे उसमें सफलता नहीं मिलेगी। यही कारण है. कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. यही कारण है .कि भद्रा काल में रक्षाबंधन नहीं बांधा जाता। और यही कारण है भारत हिंदू परिवार में सही मुहूर्त देखकर रक्षाबंधन बांधा जाएगा।
जानिए रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
सावन की पूर्णिमा यानि 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में आप 30 अगस्त की रात 9 बजे से 31 अगस्त की सुबह 7 बजे तक राखी बांध सकती है.
नोट : – यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के अनुसार है. Rakha Bandhan Muhurat 2023 :