ATS Raid in Bhopal : (Manoj Kumar) भोपाल में जेएमबी के बाद पीएफआइ (PFI after JMB in Bhopal) और अब हिज्ब-उत-तहरीर जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लोगों की मौजूदगी से सुरक्षा एजेंसियों के पैरों तले जमीन खिसक गई(Now due to the presence of people associated with banned organizations like Hizb-ut-Tahrir, the ground is slipping under the feet of the security agencies.) हैं ।ये भी जानकारी मिली है कि इस संगठन को दुनियाभर के 50 देश प्रतिबंधित कर चुके हैं।
ATS Raid in Bhopal : Madhya Pradesh सहित कई राज्यों में ATS और NIA ने फिर बड़ी कार्रवाई की है। आतंकियों के लिए मध्य प्रदेश के कई शहर सबसे महफूज माने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के Bhopal और Chhindwara से करीब आधा दर्जन से ज्यादा संदिग्ध आतंकी पकड़े गए हैं। इस कार्यवाही के बाद प्रदेश भर में हड़कंप मच गया। बता दें कि एटीएस और एनआईए के joint operation में Bhopal और Chhindwara से HUT ( हिज्ब उत तहरीर ) Hizb ut Tahrir के 11 संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लिया गया है। जबकि हैदराबाद से 5 संदिग्धों को हिरासत में एनआईए ने लिया है।
शांति के टापू भोपाल पर आतंकियों की पैनी नजर है। उन्होंने अपना नेटवर्क फैलाने के लिए सबसे सुरक्षित जगह ढूंढनी शुरू कर दी। इसलिए सिमी के बाद अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लोग यहां ठिकाना बना रहे हैं। जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों ने भी यहां शरण ली थी लेकिन खुफिया एजेंसियों ने इनपुट मिलते ही उनके मॉड्यूल को नष्ट कर दिया। उसके बाद एनआईए ने शाहजहांनाबाद इलाके से पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया। वे गुप्त गतिविधियों को अंजाम देकर संगठन को आगे बढ़ा रहे थे।
अब कट्टरपंथी इस्लामी संगठन हिज्ब उत तहरीर उर्फ तहरीक-ए-खिलाफत भी गुप्त रूप से अपना विस्तार कर रहा था। इस इनपुट ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए। उसने अपने मुखबिरों को सतर्क रहने की बात कही, लेकिन पुलिस और स्थानीय जिला गुप्तचरों को इसकी सूचना नहीं मिली. इस घटना में एटीएस ने मंगलवार को भोपाल से 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। पुलिस की सबसे बड़ी नाकामी यह है कि शहर में किराएदारों की जांच को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। इसका फायदा आतंकी उठाते हैं।
ऐशबाग की घनी बस्ती को बना रहे ठिकाना
मार्च 2022 में जब एटीएस ने ऐशबाग इलाके में जेएमबी के आतंकियों को गिरफ्तार कर उनका भंडाफोड़ किया तो पूरा देश दंग रह गया था. बाद में संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि ऐशबाग इलाके की घनी आबादी में छिपना आसान है और किराए पर मकान भी आसानी से मिल जाते हैं. कोई इन पर आसानी से नजर भी नहीं रख सकता। इसी का नतीजा है कि जेएमबी के आतंकी इस इलाके में एक साल से ज्यादा समय से मौजूद थे और उनकी जानकारी स्थानीय थाने से लेकर इंटेलीजेंस को नहीं मिल पाई थी. इसके अलावा अब ऐशबाग इलाके में एक बार फिर हिज्ब-उत-तहरीर नाक इस्लामिक संगठन का विस्तार कर रहे लोगों की मौजूदगी पाई गई है। आलम यह है कि राजधानी के इस इलाके से पिछले एक साल में करीब दस संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ताजा गिरफ्तारियों के बाद पुलिस मुख्यालय और स्थानीय पुलिस के बीच बैठकों का दौर शुरू हो गया है. इस इलाके में बाहर से आने वाले लोगों की गोपनीय तरीके से जांच करने की बात कही जा रही है.