Bhopal News : वन्य जीव संरक्षण में मध्यप्रदेश देश में लगातार अच्छा काम कर रहा है। इसके लिए राज्य को टाइगर स्टेट,(tiger state) लेपर्ड स्टेट, (leopard state,) वुल्फ स्टेट,(wolf state) चीता स्टेट जैसी कई उपाधियां (many titles like Cheetah State) मिलीं। सरकार के इस प्रयास के फलस्वरूप राज्य को चीता परियोजना (Cheetah Project to the State) की जिम्मेदारी मिली। लेकिन, इन तमाम कोशिशों पर जंगल के दुश्मनों की नजर है। राज्य में जंगली जानवरों के(wild animals in the state) अवैध शिकार की घटनाएं बढ़ रही हैं। ताजा घटना भोपाल की है जहां वन विभाग ने छापेमारी के दौरान 8 शिकारियों को गिरफ्तार किया है.
Bhopal News : बाघ और तेंदुओं के शिकार में वन विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है। टाइगर स्ट्राइक फोर्स जबलपुर और भोपाल की टीमों ने संयुक्त रूप से यह कार्रवाई की। इसमें टीम ने राष्ट्रीय पशु बाघ और जंगली जानवर तेंदुए का अवैध शिकार कर रहे 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बड़ी संख्या में जानवरों के अंग बरामद हुए हैं। आठ सदस्य जंगली जानवरों के शरीर के अंगों के अवैध व्यापार में शामिल दो गिरोहों में शामिल बताए जा रहे हैं।
आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में अंग बरामद
वन विभाग ने आरोपियों के पास से बाघ की खाल समेत कई अंग बरामद किए हैं। विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार टीम ने बाघ की खाल का 1 टुकड़ा, तेंदुए की खाल का 1 टुकड़ा और पंजे के 2 टुकड़े बरामद किए हैं. इनमें 4 आरोपी बाघ की खाल के अवैध व्यापार और 4 आरोपी तेंदुए की खाल और पंजों के अवैध कारोबार से जुड़े हैं। 2022 में इन आरोपियों के खिलाफ संशोधित वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
आरोपियों के जरिए अन्य मामलों की जांच
सबसे बड़ी बात यह है कि इस गिरोह में पूर्व सरपंच और एक सरकारी शिक्षक शामिल हैं। अब विभाग इन्हें कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रहा है। साथ ही उनके गिरोह से और कौन-कौन जुड़े हैं और कहां से जुड़े हैं, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है. इसके अलावा उनसे खरीदारी करने वालों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। वन अधिकारियों को उम्मीद है कि इन आरोपियों के माध्यम से अवैध शिकार में शामिल अन्य गिरोहों और कई अन्य लोगों के बारे में जानकारी मिल सकेगी.