Mandir : Desk report : रामनवमी के दिन इंदौर में बालेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे के बाद प्रशासन ने बावड़ी ही नहीं पूरे मंदिर को ही ध्वस्त कर दिया था. सीएम शिवराज का आदेश आया और मंदिर पर बुलडोजर चल गया. लेकिन लोगों की आस्था को देखते हुए महज 7 दिन बाद उसी जगह सीएम शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) ने दोबारा मंदिर बनाने की घोषणा कर दी है. इंदौर में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर (Beleshwar Mahadev Jhulelal Mandir) में रामनवमी की पूजा के दौरान वहां बने कुंए की छत टूट गई थी, जिसमें 36 मोतें हो गई थी. इसे तोड़ने के आदेश आए तो लोगों ने जमकर विरोध किया, पर कार्रवाई कर दी गई. अब वहां दोबारा मंदिर बनाया जाएगा।
Mandir : गौरतलब है कि मंदिर परिसर में ही एक बावड़ी थी जिसे बंद कर दिया गया था, लेकिन उसे ठीक से भरा नहीं। इस कारण लोगों को पता तक नहीं था कि वहां बावड़ी है. बावड़ी पुरानी हो चुकी थी जिसकी वजह से वह पूरी तरह से जर्जर की हालत में थी। उस दिन भक्तों की संख्या बढ़ी तो वजन से जमीन यानि बावड़ी की छत धंस गई. मंदिर के पुजारी ने बताया था कि पूर्णाहूति के बाद आरती होने वाली थी. उससे पहले ही ये हादसा हो गया. हादसे के बाद शहर ही नहीं देस के कोने कोने तक लोगों ने वो चीखें सुनी।
मंदिर तोड़ने के विरोध में हिंदू संगठन का कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन
बता दें कि रामनवमी के दिन बालेश्वर महादेव मंदिर पर हुए हादसे के बाद जिला प्रशासन एवं निगम के द्वारा मंदिर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के साथ ही साथ मंदिर को भी तोड़ने की कार्रवाई की गई। जिस का विरोध करते हुए हिंदू संगठन के भारी तादाद में लोग कलेक्टर कार्यालय पर आकर नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। सिंधी समाज के दीपक खत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन और नगर निगम के द्वारा डेढ़ सौ साल पुराने मंदिर को तोड़ देगा जिस का विरोध करते हैं और बनाने का आग्रह भी करते हैं यदि प्रशासन मंदिर नहीं बना कर देगा तो समाज स्वयं अपने पैसों से मंदिर का निर्माण करेगा।
आज के इस प्रदर्शन के संबंध कलेक्टर इलैया राजा टी से चर्चा की तो उनका कहना था कि हम हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हैं और उस दिन अतिक्रमण की कार्रवाई के समय जो मंदिर का नुकसान हुआ है। हम उस नुकसान को भी लेकर समाज के लोग हिंदू संगठन के लोगों से चर्चा करके आगे जो भी कुछ प्लानिंग होगा उस पर हम विचार करेंगे।