MP CM Mohan Yadav Government Took Loan: मध्य प्रदेश में नई सरकार के बनने के बाद पहले महीने में ही 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया गया है. इस लोन को सरकार को 16 साल में चुकाना होगा. प्रदेश में चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले भी 2,000 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था. राज्यपाल पटेल के अभिभाषण में लाडली बहना योजना का जिक्र न होने पर विपक्ष हमलावर था और कांग्रेस लगातार यही बात कह रही थी कि सरकार इस योजना को बंद करने जा रही है. जिस पर CM डॉ मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि लाडली लक्ष्मी योजना सहित पहले से संचालित सभी योजनाएं जारी रहेगी.
मोहन सरकार ने 2000 करोड़ का लिया कर्ज
शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना के चलते ही मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनी हैं वही इस साल लोकसभा चुनाव भी हैं. ऐसे में सरकार इस योजना को हर हाल में शुरू रखना चाहती हैं. अब मध्य प्रदेश में CM डॉ मोहन यादव की सरकार का गठन होने के तत्काल बाद सरकार ने पहली बार कर्ज लिया है. आर्थिक गतिविधियों और विकास कार्यों का हवाला देकर मोहन यादव सरकार ने 2000 करोड़ रुपए का ये कर्ज लिया है, जिसे 16 साल में चुकाना होगा. बता दें कि यादव सरकार को शिवराज सरकार से पहले ही 3.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज विरासत में मिला है. MP
राज्यपाल के अभिभाषण में लाडली बहना योजना का जिक्र नहीं
चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी. विधानसभा का सत्र शुरू हुआ तो सभी को उम्मीद थी कि राज्यपाल के अभिभाषण में इस योजना का जिक्र अवश्य होगा.लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राज्यपाल पटेल के अभिभाषण में लाडली बहना योजना का कोई जिक्र नहीं होने पर विपक्ष हमलावर था और कांग्रेस आरोप लगा रही थी कि सरकार इस योजना को बंद करने जा रही है.राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने जबाव देते हुए कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर कोई भी पहले की योजना बंद नहीं होगी. अभी योजनाओं के लिए हमने पर्याप्त धनराशि रखी है. मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि राज्य में लाडली बहना योजना जारी रहेगी. MP
चुनाव से पहले भी सरकार ने लिया था कर्ज!
मध्य प्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2022 तक प्रदेश का कुल सार्वजनिक कर्ज 2.95 लाख करोड़ रुपए था. 31 मार्च 2023 तक कुल कर्ज 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ रुपए हो गया है. MP में चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने तीन बार बड़ी रकम का कर्ज लिया था. सितंबर के महीने में MP सरकार ने 12,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. इसके बाद अक्टूबर महीने में सरकार ने 4000 करोड़ का और लोन लिया.इसके आठ दिन बाद ही फिर 2000 करोड़ रुपए का और कर्ज लिया और वोटिंग के पांच दिन बाद 22 नवंबर को 2000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लिया था. MP