Singrauli news सिंगरौली 27 अगस्त। जिले में पुलिस निरीक्षकों के फेरबदल के बाद लोगों के द्वारा उम्मीद जतायी जा रही थी कि अवैध गतिविधियों एवं कारोबार पर नवागत थाना एवं चौकी प्रभारी शिकंजा कसेंगे। चंद दिनों तक सब कुछ ठीक-ठाक रहा अब अवैध कार्यों को गति मिलने लगी है। जिसमें रेता का अवैध परिवहन सुर्खियों में है। दरअसल जुलाई महीने से लेकर 15 अगस्त तक रेत के अवैध कारोबार पर लगाम लगा हुआ था। प्रबुद्धजन यही मान रहे थे कि नये थाना प्रभारियों के आने से इन अवैध गतिविधियों पर शिकंजा दिनों-दिन कसता जायेगा। परंतु अब सब कुछ उल्टा हो रहा है। आलम यह है कि शाम ढलते ही बैढऩ, सरई और चितरंगी इलाके में रेत से भरे टै्रक्टरों का धमाचौकड़ी शुरू हो जाता है। अनियंत्रित तेज गति में चलने वाले रेत से भरे टै्रक्टरों पर पुलिस की नजर नहीं पड़ रही है। जबकि इन वाहनों के रफ्तार को देख हर कोई अवाक रह जाता है। वहीं सामने से आने वाले दो चका वाहन स्कूटी व मोटर साइकिलों के चालक मजबूरन सड़क के किनारे हो जाते हैं। उन्हें इस बात का डर रहता है कि रेत से भरे बेकाबू टै्रक्टर कहीं ठोकर न मार दें।
बता दें कि बैढऩ कोतवाली क्षेत्र के गनियारी, देवरा, बलियरी मार्ग में रात के समय रेत से भरे टै्रक्टरों का दबदबा रहता है। सूत्र बता रहे हैं कि यह कारोबार कुछ दिनों से गति पकड़ा है। नये कोतवाल इन रेत कारोबारियों पर लगाम नहीं कस पा रहे हैं जिससे पुलिस पर तरह-तरह की ऊंगलिया उठने लगी हैं। उधर जब जिला मुख्यालय बैढऩ के नदियों से रेत की चोरी हो रही है। तो वहीं चितरंगी थाना तो रेत के लिए पहले से ही बदनाम रहा है। रेत कारोबारी बर्दी, धरौली, गाँगी फुलकेश, कोरसर, में रेत का खनन और परिवहन शुरू कर दिए हैं। रेत के अवैध कारोबार में सरई थाना भी कहां पीछे कहां रहने वाले हैं। सरई इलाके के रेत कारोबारी कोतवाली क्षेत्र के रेत कारोबारियों से दो कदम आगे निकल चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक सरई थाना क्षेत्र के ग्राम ओबरी, हर्रइया नदी, गुरमटिया, बकहुल, फुलझर, गजरा बहरा, खनुआ, झलरी, पाटपानी, सुलियरी सहित कई स्थानों से रेत का कारोबार जोर पकड़ा हुआ है। Singrauli news
आरोप लगाये जा रहे हैं कि सूचना मिलने के बावजूद पुलिस इन रेत कारोबारियों पर शिकंजा नहीं कर रही है। जिसके चलते पुलिस की इन दिनों खूब किरकिरी होने लगी है। फिलहाल जिले में धीरे-धीरे बढ़ रहे अवैध कारोबार को लेकर पुलिस अधिकारियों के द्वारा किये जा रहे सब कुछ ठीक-ठाक होने, अपराधियों एवं उसमें लिप्त कारोबारियों पर शिकंजा कसने के दावे के हवा निकलने लगे हैं। चर्चाओं के मुताबिक इस अवैध कारोबार पर पुलिस शिकंजा कस पाती है की नहीं यह कह पाना मुश्किल है।
रेत कारोबारियों से रेट भी फिक्स!
आरोप है कि रेत कारोबारियों से पुलिस का रेट भी फिक्स हो गया है। एक रात में चाहे जितने भी ट्रिप लगा लो। अलग-अलग स्थानों में चार से पांच हजार रूपये एक टै्रक्टर से फिक्स है। वहीं यदि महीने मेें रेत कारोबारियों को भुगतान करना पड़ेगा तो उसका दर 1 लाख रूपये तक बात पहुंच रही है। कुछ दिन इन्हीं बातों को लेकर पेंच फसा हुआ था। जिसके कारण रेत कारोबारी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। सूत्रों के अनुसार अब हर तरह के तालमेल बन गये हैं। खाकी बर्दी से कोई दिक्कत आने वाली नहीं है। ऐसी चर्चाएं होने लगी हैं। वहीं सरई इलाके में कुछ पुलिस कर्मी रेत का हिसाब-किताब खूब रख भी रहे हैं। थाना प्रभारी का ध्यान ज्यादातर जमगड़ी की ओर जा रहा है। अब जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रही है उसी तरह कुछ पुलिस कर्मियों की नजरें अवैध कारोबार पर जाने लगी हैं। Singrauli news
रेत के अवैध कारोबार से प्रदेश सरकार की शुरू है किरकिरी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक अधिकांश बैठकों में रेत माफियाओं सहित अवैध कारोबारियों पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश देते हैं। लेकिन उनका निर्देश बैठक तक ही सीमित है। आरोप है कि गढ़वा, सरई, जियावन, माड़ा, लंघाडोल, कोतवाली बैढऩ, चितरंगी थाना क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार को लेकर विपक्षी दल जहां सरकार को घेर रहे हैं। वहीं आम जन में भी पुलिस एवं प्रशासन के दोहरे मापदण्ड को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं। वहीं इससे प्रदेश सरकार की किरकिरी भी हो रही है। Singrauli news