आज जिले के सभी भाजपा विधायक, सांसद व जिलाध्यक्ष तथा मेयर प्रत्याशी भोपाल रवाना हो गये हैं.
सिंगरौली 17 अगस्त। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा को मिली करारी पराजय के कारणों का पता लगाने एवं समीक्षा बैठक कल भोपाल में भाजपा के प्रदेश शीर्ष नेतृत्व के द्वारा बुलाया गया है। जहां मिली करारी हार के मुख्य कारणों पर समीक्षा की जावेगी। आज जिले के सभी भाजपा विधायक, सांसद व जिलाध्यक्ष तथा मेयर प्रत्याशी भोपाल रवाना हो गये हैं।
दरअसल त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में पहले भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। चितरंगी ब्लाक में सबसे बड़ी हार हुई। जहां जिला पंचायत के एक भी सदस्य चुनाव नहीं जीत पाये। जबकि यह भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह का गृह क्षेत्र है। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा ही आरोप लगाया जा रहा है कि चुनाव लडऩे वाले कार्यकर्ताओं में सामंजस्य बैठाने में एक भी प्रयास नहीं किया गया। लिहाजा यहां का पंचायत चुनाव कांग्रेस के पक्ष में चला गया। रही सही कसर जनपद व जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष में पूरी हो गयी और यहां कांग्रेस पार्टी का कब्जा हो गया। नगरीय निकाय चुनाव में मेयर सीट भाजपा ने खो दिया। जबकि सिंगरौली भाजपा का गढ़ माना जाता है। फिर भी यहां भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा।
आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी रानी अग्रवाल ने बीजेपी प्रत्याशी चन्द्रप्रताप विश्वकर्मा को करीब 10 हजार से अधिक मतों से करारी शिकस्त दी। भाजपा को मिली करारी हार से पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी प्रत्याशी के हार का मुख्य कारण टिकट वितरण को लेकर भारी असंतोष था। मेयर का टिकट तय कराने वाले भाजपा प्रदेश के नेता ओवर कान्फि डेंस में थे और उनका यह ओवर कान्फिडेंस ले डूबा है। हालांकि बाद में स्पीकर का चुनाव जीत कर कुछ राहत की सांस ली है। किन्तु भाजपा की लुटिया डुबोने वाले प्रदेश नेतृत्व को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
चुनाव में बाहरी लोगों का था दखल
सूत्र बताते हैं कि नगर पालिक निगम चुनाव में स्थानीय कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं मिल रही थी और बाहरी लोगों का दखल था। जिसके चलते स्थानीय भाजपा के कार्यकर्ता काफी नाराज हो गये। वर्ष 2009 के मेयर के चुनाव में इसी तरह का दखल था। नतीजा में बीजेपी प्रत्याशी को हार मिली थी। इसके बावजूद चुनाव प्रभारी ने गंभीरता से नहीं लिया और नहीं 2009 के चुनाव से सीख लिये। परिणाम सबके सामने है। कहीं न कहीं चुनाव प्रबंधन एवं भाजपा जिला संगठन में तालमेल में भारी कमी बतायी जा रही है।
भोपाल में वन टू वन हो सकती है चर्चा
सूत्र बता रहे हैं कि सिंगरौली बीजेपी का गढ़ माना जाता है। त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव मेें भाजपा को पराजय का सामना क्यों करना पड़ा। इस पर कल बुधवार को भोपाल में प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व वन टू वन सिंगरौली के नेताओं से चर्चा कर सकते हैं। सांसद, जिलाध्यक्ष, सिंंगरौली, देवसर, चितरंगी के विधायक व मेयर प्रत्याशी भी रवाना हो गये हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव में जिला संगठन को नजर अंदाज कर दिया गया था। ननि चुनाव प्रभारी सब कुछ जानते हुए अंजान बने हुए थे। चुनाव प्रचार के समय दिन भर का कार्यक्रम बाहरी लोग भी तय करते थे।