सिंगरौली 14 मार्च। चर्चित व विवादित कमिश्नर आरपी सिंह एक बार फिर चर्चाओं में है इस बार वह दो कार्यपालन यंत्रियो को विकास कार्य व निर्माण कार्यों की समस्त नस्तियां जिसमें निविदा समिति एवं भुगतान शामिल है की जिम्मेदारी देकर सुर्खियों में आ गए हैं कहा यह भी जा रहा है कि कमिश्नर आरपी सिंह सिंगरौली में रहकर अपने रिटायरमेंट का प्लान कर रहे हैं
बता दें कि इन दिनों नगर पालिक सिंगरौली में कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। आपसी खिंचातानी व गुटबाजी इन दिनों चर्चाओं का विषय बना हुआ है। वहीं निगमायुक्त ने निर्माण कार्यों की समस्त नस्तियों की फाइलों में दखल दो कार्यपालन यंत्रियों को सौंप दिये जाने के बाद मामला और गरमा गया है। सूत्र बताते हैं कि कमिश्नर आरपी सिंह अपने चहेतों को मलाईदार जगहों में रखकर खूब भ्रष्टाचार करवा रहे हैं अब इनके ऊपर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी नजर बनाए हुए हैं।
नगर पालिक निगम सिंगरौली के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक निगमायुक्त ने प्रशासनिक व्यवस्था के दृष्टिकोण से एक आदेश जारी किया। जिसमें उल्लेख किया है कि विकास कार्य एवं निर्माण कार्यों की समस्त नस्तियां जिसमें निविदा समिति एवं भुगतान शामिल है। आरके जैन सहायक यंत्री, प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा व्हीपी उपाध्याय कार्यपालन यंत्री के माध्यम से नस्ती निगमायुक्त के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इस आदेश को तत्काल प्रभावशील कर दिया गया है। निगमायुक्त का यह आदेश 9 मार्च को जारी हुआ है। इधर ननि के विकास एवं निर्माण कार्यों के निविदा समिति एवं भुगतान में दो कार्यपालन यंत्रियों के दखल दिये जाने को लेकर एक बार नगर निगम फिर से चर्चाओं में है। सवाल उठने लगा है कि कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय के पास विद्युत शाखा का प्रभार है और इलेक्ट्रिक से डिप्लोमाधारी हैं। फिर निर्माण कार्यों संबंधी नस्ती देखने का जिम्मा क्यों सौंप दिया गया है। क्या प्रभारी कार्यपालन यंत्री पर भरोसा नहीं है या इसके पीछे कोई राज है। हालांकि यह निगमायुक्त का विशेषाधिकार है। किन्तु चुनिंदा अमले पर दरियादिली लोगों के समझ से परे है। फिलहाल नगर निगम में उक्त मामला धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है। साथ ही नगर निगम की काली करतूतें भी धीरे-धीरे बेपर्दा हो रही हैं।