खनिज विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कुसमी थाना प्रभारी, राजस्व विभाग खुले तौर पर दोषी
सीधी । सीधी जिले के कुसमी थाना क्षेत्र अंतर्गत पोड़ी गांव से निकलने वाली गोपद नदी को रेत कारोबारी रेत निकालने का नया ठिकाना बना लिया है। रेत कारोबारी गोपद के सीने में पोकलेन का खंजर उतार दिया है। खदान में मनमानी पूरे चरम पर है, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धाराओं को लगातार तोड़ा जा रहा है, जिम्मेदार खामोश बैठे हैं, जिसके पीछे सिर्फ महीने का मैंनेजमेंट शामिल होना बताया जा रहा है। रेत कारोबारी दिन के उजाले में पोकलेन मशीन उतारकर गोपद से रेत का खनन कराया जा रहा है और प्रतिबंध के बावजूद हाइवा वाहनों को रेत परिवहन के लिये सीधे नदी में उतारा जा रहा है, जिम्मेदार अधिकारी दीपमाला सब जानने के बाद भी नदी के साथ खिलवाड़ करने के लिये अपनी मौन सहमति दे बैठे हैं।सूत्र बताते हैं कि रेत कारोबारी रनवीर के इशारे पर पुजारा पोड़ी गांव से निकलने वाली गोपद नदी को अपना नया ठिकाना बना लिया हैं।
पोकलेन मशीन से खनन
गोपद नदी में बीते दो दिनों से दिन रात विशालकाय पोकलेन मशीन को नदी में उतारा जाता है और शर्तों के विपरीत सैकड़ा भर बड़े वाहनों के लिये रेत का खनन कराया जाता है, हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि मशीन अब दिन में भी नदी में उतरती है। हद तो इस बात की है की नदी का सीना छलनी करते हुए नदी के बीचो-बीच रोड बना दी गई है और हाईवा वाहन नदी में ही लोड हो रहे हैं । उक्त खदान में हाइवा और डम्फर धड़ल्ले से उतारे जा रहे हैं। ठेकेदार और माफियाओं की ये करतूत कैमरे में भी कैद हुई।
रनवीर व पुजारा के इशारे पर कारोबार
बीते कुछ दिनों पहले खनिज विभाग ने डोल रेत खदान में छापामार कार्रवाई में दो पोकलेन मशीन सहित चार हाईवा जप्त हुए थे। जिसके बाद रेत कारोबारियों में दहशत का माहौल था। कार्यवाही के कुछ दिनों तक अवैध रेत उत्खनन पर रोक जरूर लगी थी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के रेत कारोबार के प्रति आगाध प्रेम के चलते एक बार फिर दिन के उजाले में ही पोकलेन से खनन शुरु हो गया है। सूत्र बताते हैं कि रेत कारोबारी रनवीर के इशारे पर पुजारा पोड़ी गांव से निकलने वाली गोपद नदी को अपना नया ठिकाना बना लिया हैं। बताते है कि रेत कारोबारी को राजनैतिक संरक्षण मिला हुआ है जिसके चलते प्रशासन इनके खिलाफ कार्यवाही करने का साहस जुटा नहीं पा रहा है। बताया गया है कि रनवीर का प्रशासनिक अधिकारियों के बीच अच्छे संबंध होने का फायदा पोड़ी में मिल रहा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि रनवीर के शह पर ही नदी में पोकलेन और हाइवा उतारे जा रहे हैं।
सबने बनाया जुगाड़
पोड़ी रेत खदान में जो खेल चल रहा है, उसमें खनिज विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कुसमी थाना प्रभारी, राजस्व विभाग खुले तौर पर दोषी हैं। लेकिन सब जानने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने अपनी खुली सहमति दे रखी है। पोड़ी गांव के गोपद रेत खदान में सभी ने डूबकी लगाकर नियम तोडऩे की खुली अनुमति दे रखी है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले जानकारों की मानें तो पोड़ी रेत खदान के चलते कभी भी वन्य प्राणी खतरे में आ सकते हैं, गोपद नदी के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा सकता है।