सिंगरौली 29 दिसम्बर। मेढ़ौली के विस्थापितों ने विधायक सिंगरौली से वार्ता करने के उपरांत आगामी 2 जनवरी को जयंत व दुद्धीचुआ परियोजना की ओबी व कोयला डिस्पैच रोकने की तैयारी कर ली है। उनकी मांग है कि वे एक सप्ताह से लगातार धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को एनसीएल प्रबंधन तक पहुंचा रहे हैं। लेकिन उनकी जायज मांगों को संज्ञान नही दिया जा रहा है। यदि उनकी समस्याओं का निराकरण नही किया गया तो भारतीय विस्थापित संघ सिंगरौली व भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी दोनों परियोजनाओं का काम काज बाधित कर देगें। अब सवाल यह कि क्या सिंगरौली भाजपा विधायक रामलल्लू वैश्य विस्थापित यूनियन का साथ देंगे ?
इस सम्बंध में विधायक रामलल्लू बैस ने केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी को सिंगरौली के दौरे पर 18 अक्टूबर 2021 के पत्र को संज्ञान में लिए जाने का आग्रह एनसीएल प्रबंधन व जिला प्रशासन से किया है। उनका कहना है कि मेरी विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली 80 में कोल इंडिया के अनुषांगिक इकाई एनसीएल के द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से ननि क्षेत्र की भूमियों का अनवरत अधिग्रहण किया जा रहा है। उक्त अधिग्रहण में विस्थापितों के समक्ष प्रतिकर, विस्थापन, पुर्नवासन और रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गयी है। जिसके महत्वपूर्ण बिन्दुुओं में सन् 1998 में जयंत व दुद्धीचुआ क्षेत्र के द्वारा अधिसूचना क्रमांक 2183 के माध्यम से ग्राम मेढ़ौली वार्ड क्रमांक 10 की भूमियों का अधिग्रहण किया गया है। लेकिन अभी तक विस्थापितों आराजी क्रमांक 221 भू-स्वामी अंजनी यादव पिता तिलकधारी अहिर सहित कई अन्य भूमियों का प्रतिकर नही दिया गया। सन् 2010-11 के अधिग्रहण में एनसीएल के जयंत व दुद्धीचुआ परियोजना के द्वारा आराजी क्र. 410, 4111 भू-स्वामी रामलल्लू पिता मायाराम वैश्य एवं अन्य परिवार के सदस्यगण तथा आराजी क्रमांक 405 भू-स्वामी सतेन्द्र कुमार पिता रामचरण साहू ग्राम मेढ़ौली वार्ड क्र.10 का प्रतिकर भुगतान नही किया गया है। विधायक श्री बैस ने कहा कि जयंत परियोजना के द्वारा अधिग्रहित भूमियों पर स्थित समस्त परिसम्पतियों के अधिग्रहण उपरांत ब्याज की गणना नही की गई। साथ ही दुद्धीचुआ परियोजना के द्वारा प्रतिकर निर्धारण में राज्य शासन द्वारा कलेक्टर गाइड लाइन का पालन नही किया गया है। जबकि जयंत परियोजना ने कलेक्टर गाइड लाइन का पालन किया है। एनसीएल की ही परियोजना दुद्धीचुआ के द्वारा भूमियों के निर्धारण में कलेक्टर गाइड लाइन का निर्धारण नही किया जाना अनियमितता की श्रेणी में है। जिसके तत्काल लागू कर भुगतान किया जाना चाहिए। इस संबंध में 7 सूत्रीय मांग पत्र बीते दिनों अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एनसीएल, कोयला मंत्री, कोल इंडिया चेयरमैन, कोयला सचिव सहित जिला प्रशासन व एनसीएल के संबंधित अधिकारियों को भेजे जा चुके हैं।