गोतरा व बरहपान में रेत का हो रहा दोहन, माफिया हो रहा मालामाल
सीधी — कोरोना का असर जिले के छोटे बड़े निर्माण कार्यों पर भले ही देखा जा रहा है लेकिन रेत का मशीनों से सीमा क्षेत्र के बाहर अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी है। ठेकेदार कोरोना वजह बता कर मजदूरों को भी काम नहीं दे रहे हैं सरकारी काम तो बंद हो गए है साथ ही निजी निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं। लेकिन रेत का मशीनों से उत्खनन लगातार जारी है।
दरअसल कोरोना की दूसरी लहर जिले में इतनी तेजी से फैली है कि लोगों को संक्रमण से बचाना मुश्किल पड़ रहा है शासन प्रशासन की लाख कढ़ाई के बाद भी कोरोना शहर से लेकर गांव तक पैर पसार चुका है। इस बीच खनिज माफिया की दबंगई लगातार बढ़ती जा रही है। गोतरा, बरहपान, में रेत का दोहन थम नहीं पा रहा है। रेत से भरे ट्रक रात के अंधेरे के अलावा दिन के उजाले में भी दौड़ रहे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन को सब सामान्य दिखता है।
रेत माफियाओं की बढ़ रही दबंगई
खनिज माफिया की दबंगई लगातार बढ़ती जा रही है।गोतरा, डोल,बारपान,भुमका,निधिपुरी में रेत का दोहन थम नहीं पा रहा है। रेत से भरे ट्रक रात के अंधेरे के अलावा दिन में भी बेखौफ दौड़ रहे हैं। बालू रेत के नाम पर करोड़ों का अवैध कारोबार चल रहा है। रेत माफिया मशीनों से नदी का सीना लगातार छलनी कर रहे है। जबकि लॉकडाउन के चलते ग्रामीणों के सामने रोजगार के भी लाले पड़े है। काम मागने पर रेत ठेकेदार भोले भाले गरीबों को डराने धमकाने के साथ झूठे मुक़दमे में फसाने की भी धमकी देते हैं। ऐसे में रेत के काले कारोबार पर लगाम नहीं लगना शासन और खनिज विभाग की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगा रहा है।
माफिया हो रहा मालामाल
खनिज सम्पदा का अवैध दोहन कर माफिया जहां मालामाल बन रहे हैं वहीं शासन को रायल्टी का नुकसान पहुंचा रहे हैं। सांसद सहित विधायक के विधानसभा क्षेत्र के नदी के घाटों पर जेसीबी, पोकलेन मशीन से रेत का उत्खनन का खेल चल रहा है। रेत माफियाओं के अवैध वाहन रात के अंधेरे के अलावा दिन के उजाले में भी दौड़ रहे हैं। बावजूद इसके खनिज विभाग मौन धारण किए हुए हैं।
इनका कहना है
नदी में मशीनों से अवैध उत्खनन की जानकारी मिली है जल्द ही टीम गठित कर मौके जांच की जाएगी।
दीपमाला तिवारी – खनिज अधिकारी – सीधी