Madhya Pradesh Crime News: भोपाल। विधायकों और सांसदों की फर्जी नोटशीट बनाकर अधिकारियों का ट्रांसफर करवाने का मामला सामने आया था जहां पुलिस ने फर्जी नोट शीट बनाने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्तार किया है पूछताछ के दौरान आरोपियों ने जो खुलासा किया तो अधिकारी भी सख्ते में आ गए। दरअसल इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि विधायक रामपाल सिंह का पुराना खानसामा निकला। आरोपितों ने राज्य सरकार के तबादलों से प्रतिबंध हटाते ही लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया था। जो लोग संपर्क में आते उनके तबादलों की फर्जी नोटशीट तैयार कर सीएम कार्यालय भेजना शुरू कर दिया।
बता दें कि फर्जी नोट शीट बनाने के मामले में पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड विधायक रामपाल सिंह का पुराना रसोइया है। उसने फर्जी नोटशीट तैयार कराने के लिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर रखे थे। क्राइम ब्रांच के अफसरों का कहना है कि अभी विधायक रामपाल सिंह के लेटरहेड पर फर्जी नोटशीट का मामला सुलझा है लेकिन अभी भी सांसदों की नोटशीट तैयार करने वालों की क्राइम पुलिस तलाश जारी है।
बता दें कि सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, महेंद्र सिंह सोलंकी, रोडमल नागर और विधायक रामपाल सिंह के नाम से फर्जी नोटशीट तैयार कर तबादले की अनुशंसा कर मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी जा रही थी। इन नोटशीट को मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात अफसरों ने जांच में फर्जी बताकर शिकायत क्राइम ब्रांच को थी।
क्राइम ब्रांच ने संदेहियो को बुलाकर पूछताछ शुरू की, जिनकी तबादलों की अनुशंसाएं की गई थीं। इस दौरान दो संदेहियों के नाम सामने आए। इनमें सुनहरी बाग जवाहर चौक भोपाल निवासी 36 वर्षीय रामप्रसाद राही से क्राइम ब्रांच ने पूछताछ शुरू की तो पहले वह अधिकारियों को गुमराह कर रहा था लेकिन सख्ती बरतने पर उसने गुनाह कबूल कर लिया साथ ही वह फर्जी नोट सीट बनाने का मुख्य आरोपी निकला। वह पूर्व में विधायक रामपाल सिंह के भोपाल स्थित बंगले पर रसोइया था।
उसके अलावा दूसरा संदेही ग्राम कानीबड़ा रायसेन निवासी 35 वर्षीय लखनलाल धाकड़ हैं। इन दोनों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो फर्जी नोटशीट तैयार करना कबूल कर लिया। उन्होंने अपने साथी शिक्षा विभाग के भृत्य रामागोपाल पाराशर (54) निवासी मॉडल स्कूल परिसर टीटीनगर भोपाल, रामकृष्ण राजपूत (31) और दशरथ राजपूत (44) निवासी ग्राम खामा पडवा जिला हरदा के बारे में बताया। इस तरह से आरोपितों की गिरफ्तारी हुई।
क्राइम ब्रांच के एएसपी गोपाल धाकड़ ने बताया कि रामगोपाल पाराशर शिक्षा विभाग का भृत्य है। वह पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले पर काम कर चुका है। वह डाक लगाने के लिए कई बार रामपाल सिंह के बंगले पर जाता था तभी उसने विधायक के बंगले से लेटरहेड हेड चुराकर पांच हजार में रामप्रसाद राही को बेच दिया था। फिलहाल पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है जल्द ही बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है।