सिंगरौली 24 जनवरी। हाय रे सीएम शिवराज के आबकारी अधिकारी का बड़ा कारनामा सामने आया है अधिकारी ने शराब बिक्री बढ़ाने के लिए सिंगरौली शराब दुकान को चितरंगी क्षेत्र के आदिवासी इलाके में संचालित कर दिया है अब अधिकारी के इस गैर जिम्मेदाराना रवैया से आदिवासी परिवार परेशान है।
शराब दुकान खोलने के लिए सिंगरौली नगरीय क्षेत्र तहसील के कुशवई में मंजूर है। किन्तु करीब डेढ़ साल से शराब दुकान चितरंगी तहसील क्षेत्र के कठास गांव में संचालित है। इस दुकान को संचालित कराने में जिला आबकारी महकमा की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अब जब मामला गरमाया तो जिला आबकारी अधिकारी ने अंजान बनते हुए पल्ला झाड़ लिया है।
दरअसल डेढ़ साल पूर्व रेलवे स्टेशन कॉलोनी के समीप देशी शराब की दुकान संचालित थी। वहां पर बवाल होने व रेलवे के आपत्ति तथा रहवासी कॉलोनी की महिलाओं के विरोध के बाद शराब दुकान को हटाने का निर्णय लिया गया। जहां कुशवई के स्थान पर कठास गांव में शराब की दुकान संचालित कर दी गयी। यहां बताते चलें कि कुशवई गांव सिंगरौली नगरीय तहसील क्षेत्र में है। जबकि कठास गांव चितरंगी तहसील क्षेत्र में है। सवाल उठ रहा है कि जब कुशवई गांव के लिए शराब दुकान खोलने की मंजूरी जिला प्रशासन से मिली थी और उसका विधिवत स्थान भी चिन्हित था। संभवत: नक्शा, खसरा भी आबकारी विभाग के पास संलग्र होगा फिर तहसील चितरंगी के कठास गांव में देशी शराब दुकान किसके इजाजत पर खोल दी गयी। कल रविवार को संतोष कुमार सिंह गोड़ नामक युवक की मौत के बाद जब बवाल हुआ तो यह मामला अब गरमाता जा रहा है। आरोप है कि आबकारी विभाग के संरक्षण में कठास गांव में अवैध रूप से देशी शराब दुकान संचालित है। ग्रामीणों का आरोप है कि आबकारी का अमला अक्सर कठास गांव में अवैध रूप से संचालित शराब दुकान में आये दिन नजर आ जाते हैं। उक्त अमले से कई बार लोगों ने मिलकर आपत्ति भी जताया। लेकिन दुकान पर मेहरबान आबकारी अमला किसी की भी सुनने को तैयार नहीं था। अब जब युवक फांसी पर लटककर जान दे दिया। इसके बाद आबकारी विभाग अमले की कलई खुलती जा रही है। करीब डेढ़ साल से कठास गांव में संचालित देशी मदिरा दुकान से जिला आबकारी महकमा अंजान क्यों था। यह बड़ा प्रश्रचिन्ह खड़ा होने लगा है।
जिला आबकारी अधिकारी बने अंजान
इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी खेमराज श्याम अंजान बन गये हैं। उनसे जब चितरंगी तहसील के कठास गांव में संचालित शराब दुकान के संबंध में सवाल जबाव किया गया तो उनके द्वारा पहले व्यस्तता व वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने का जिक्र करने लगे। बाद में उन्होंने अपनी जबावदेही से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हम अपै्रल, मई महीने में आया हूॅ मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि कठास में संचालित शराब दुकान किस तहसील में है। अंत में उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराता है। जिला आबकारी अधिकारी का गैर जिम्मेदाराना बयान गले से नहीं उतर रहा है।
आबकारी के अमले ने पंचनामा में भी कठास का किया है जिक्र
सूत्र बताते हैं कि कल रविवार को जब संतोष कुमार सिंह के द्वारा आत्महत्या किये जाने के बाद आरोप लगा कि शराब दुकान में घुसकर मारपीट करते हुए लाखों रूपये की सामग्री आग के हवाले कर दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि शराब दुकान के संचालक की यह सोची समझी चाल है। वहीं सूत्र बताते हैं कि आबकारी महकमा ने एक पंचनामा मोरवा पुलिस को दिया है जहां उसने कठास में देशी मदिरा दुकान होने का हवाला दिया है। आबकारी महकमा का यह कारनामा अब सामने आने लगा है।