agriculture success story:राज्यों में कृषि उत्पादन के लिए ( For agricultural production ) योजनाओं को मजबूत करने के लिए केंद्र के साथ सरकार सक्रिय रूप से युवा किसानों को शामिल कर रही है.
success story: शिक्षित युवा अब कृषि में अपना करियर बना रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा ( by Central and State Governments ) कृषि को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर युवा किसान न केवल अच्छी कमाई कर रहे हैं, बल्कि सफलता की नई मिसाल कायम कर रहे हैं. हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले सुभाष एक युवा किसान हैं, जिन्होंने ग्रेजुएशन के बाद अपने पिता का बागवानी का व्यवसाय ( Father’s business is gardening ) संभाला। उन्होंने 2003 में एक खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की.
कर्ज लेकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू की
विभिन्न प्रतिकूलताओं के बावजूद उन्हें हरियाणा बागवानी विभाग का सहयोग मिला। विभाग के सहयोग से वह सफलता की नई बुलंदियों को छू रहा है। सुभाष ने बताया कि फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने के दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन वह बागवानी विभाग में शामिल हो गए और अपनी खाद्य प्रसंस्करण इकाई का विस्तार करने के लिए ऋण लिया। उद्यान विभाग ने इसमें 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी है. agriculture success story
40 से 50 तरह का खाना बनाती हैं
हरियाणा के बागवानी विभाग के मुताबिक सुभाष ने अपने गांव में करीब 15-20 परिवारों को रोजगार मुहैया कराया है. वह फूड प्रोसेसिंग यूनिट के तहत 40 से 50 तरह के खाद्य पदार्थ बनाते हैं। वह अपने उत्पाद खादी विभाग ( Products Khadi Department ) और अन्य विभागों को देता है। इसके अलावा हरियाणा के अलग-अलग जिलों में उनके अपने स्टोर हैं। हरियाणा के अलग-अलग जिलों में उनके कई भोजनालय हैं। उन्होंने कहा, उचाना में एक दुकान है, नरवाना में तीन दुकानें हैं। उनकी रोहतक में एक दुकान भी है.
डॉ. ने किसानों को यह खास सलाह दी
सुभाष ने अपनी सफलता के लिए उद्यानिकी विभाग हरियाणा ( Department of Horticulture, Haryana ) का आभार जताया। साथ ही देश के किसानों को अपने उत्पादों को मूल्य जोड़कर बेचने की सलाह दी है ताकि किसानों की स्थिति आज जैसी न रहे। अगर वे अच्छे वैल्यू एडिशन वाले उत्पाद बेचते हैं तो मुनाफा काफी बेहतर होगा. agriculture success story