singrauli news:सिंगरौली- नगर पालिक निगम सिंगरौली ( Municipal Corporation Singrauli ) में दिल्ली से आई स्वच्छता सर्वे की टीम महज खाना पूर्ति कर रवानगी पर है। करोड़ों रुपये का कचरा परिवहन का ठेका लेने वाली ठेका कंपनी सरे राह शासन-प्रशासन ( Government administration ) के आंखों में धूल डालने पर उतारू है। नगर निगम के आला अफसरो को नियम कानून और मोदी मन्त्र से कोई सरोकार नहीं है। स्वच्छता सर्वे और कचरा परिवहन के नाम पर महज कोरम पूर्ति कर पैसे का बंदरबाट योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि नगर पालिक निगम सिंगरौली में भी करोड़ो का स्वच्छ भारत सर्वे एवं घर-घर कचरा परिवहन के नाम पर दो साल का ठेका कार्य चल रहा है। देश के प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी ( prime minister’s ambition ) योजना घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य चल रहा है। स्वच्छता मंत्रालय ने कचरा संग्रहण एव परिवहन के नियम कायदे तय किये है। जिसमे कचरा संग्रहण के लिए सूखा कचरा, गिला कचरा के लिए बख्तर बंद गाड़ी लगाने का मापदंड तय किये गए है। यही नहीं कचरा संग्रहण की गाड़ी में सूखा एवं गीला कचरा संग्रहण के लिए अलग-अलग पार्टीशन होना चाहिए। लेकिन कचरा संग्रहण एवं परिवहन का ठेकेदार नगर निगम के अफसरो की मिलीभगत से सरेराह नियम एव किये गए संविदा करार की धज्जिया उड़ा रहा है। ठेकेदार की मनमानी पर नगर निगम के आला अधिकारी पर्दा डालने पर तुले हुए है. singrauli news
इधर दिल्ली की स्वच्छ सर्वे टीम भी सिंगरौली दौरे पर आई है। जिसके आगे पीछे नगर निगम का लावलश्कर जी जान से आवा भगत में लगा हुआ है। नगर निगम का अमला स्वच्छ सर्वे टीम ( clean survey team ) को यहां की हकीकत से कोसो दूर रखना चाहता है। सर्वे करने आई टीम भी कोरम पूर्ति कर रही है। यह भी चर्चा है कि स्वच्छ सर्वे टीम की जितनी अच्छी सेवा और मोटी सुविधा शुल्क का ख्याल रखा जाता है उतना ही ज्यादा नम्बर मिल जाता है। नगर पालिक निगम सिंगरौली ( Municipal Corporation Singrauli ) में स्वच्छता के नाम पर करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है। लेकिन नगर निगम के अधिकारी कचरा परिवहन एवं संग्रहण का ठेकेदार की मनमानी पर अंकुश लगाने के बजाय संरक्षण दे रहे है जो अधिकारियों एवं ठेकेदार की मिलीभगत का नतीजा दिखाई दे रहा है. singrauli news