उमरिया 8 अप्रैल – बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश से इन दिनों बाघ और तेंदुओं की मौत की खबरें आ रही हैं. लेकिन मादा तेंदुआ का शव मिलने के बाद हड़कंप मच गया। खबर लगते ही मौके पर वन अमला सहित डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंचे जांच शुरू की तो पता चला कि तेंदुआ की उम्र ज्यादा होने के चलते शिकार नहीं कर पाने की वजह से हुई।
बता दें कि संचालक ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि सुबह 8 बजे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर परिक्षेत्र की हरदी बीट के कक्ष क्रमांक 468 में नौवाडोल नाले के किनारे एक मादा तेंदुए का शव बीट गार्ड लक्ष्मण साहू द्वारा पेट्रोलिंग के दौरान देखा गया। वन रक्षक द्वारा इसकी सूचना तत्काल वन परिक्षेत्र अधिकारी को दी गई। मौके पर स्निफर डॉग बैली को भेजा गया एवं घटना स्थल को सील किया गया। स्निफर डॉग द्वारा आसपास के क्षेत्र में जाकर देखा गया तो आसपास किसी मानव या अन्य बड़े हिंसक वन्य प्राणी के कोई प्रमाण नहीं मिले।
संचालक ने बताया कि मादा तेंदुए का एक ऊपर और एक नीचे का कैनाइन टूटा हुआ था। तेंदुए के सभी अंग, नाखून,दांत सुरक्षित पाए गए। सूचना प्राप्त होने पर क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम और अन्य वन अधिकारी सहायक वन्य जीव शल्य डॉक्टर नितिन गुप्ता , डबल्यू सीटीके पशुचिकित्सक डॉक्टर हिमांशु और एनटीसीए के प्रतिनिधि सी एम खरे एवं सत्येन्द्र तिवारी के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और शव परीक्षण कर सैंपल संरक्षित किए गए। तदुपरान्त निर्धारित एस ओ पी अनुसार शवदाह कर तेंदुए को समस्त अवयवों सहित जलाकर पूर्णतः नष्ट किया गया। मादा तेंदुए की आयु लगभग नौ से दस वर्ष होना पशु चिकित्सक द्वारा आंकलित की गई। प्रथम दृष्टया अधिक आयु होने के कारण और शिकार न कर पाने के कारण भूख से तेंदुए की मृत्यु होना प्रतीत होता है।
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