कोरोना प्रभावित परिजनों को किया सावधान
सीधी — राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के आंकड़ों को छुपाने का काम शुरू कर दिया है। जिससे ज्यादा लोगों को सरकारी सहायता नहीं देना पड़े। जिलों से कोविड प्रभावित मृतकों के परिजनों की शिकायतें मिल रही हैं कि उन पर दबाव बनाकर कोविड से मृत्यु होने के बावजूद अन्य बीमारियों से मृत्यु का प्रमाणपत्र दिया जा रहा है ।
विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने सरकार के ध्यान में यह जानकारी लाते हुए कहा कि उच्च स्तर से दिए निर्देशों के कारण कोविड से हुई मौतों के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। उन्होंने ऐसे सभी प्रभावित परिजनों से आग्रह किया कि यदि पॉजिटिव होने के कारण कोविड संक्रमण के इलाज के यह भर्ती होने के दौरान या बाद में मृत्यु हुई है,मृत्यु प्रमाणपत्र में कारण कोविड संक्रमण लिखवाएं। यदि कोई अधिकारी कर्मचारी या चिकित्सक किसी भी स्तर पर यह अन्य बीमारी से होने का प्रमाण पत्र देने की कोशिश करें या दबाव डाले तो तत्काल पुलिस और सक्षम अधिकारियों को जानकारी दें। साथ ही मीडिया के प्रतिनिधियों को भी बताएं।
गलत मृत्यु प्रमाण पत्र लेने का दबाव
श्री पटेल ने कहा कि परिजनों पर गलत मृत्यु प्रमाण पत्र लेने का दबाव डालना घोर अपराधिक और अमानवीय कृत्य है। श्री पटेल ने कहा कि कोविड-19 प्रभावित लोगों के परिजनों को जो सरकारी सहायता देने के आदेश सरकार ने निकाले हैं उनमें कई विसंगतियां हैं और वे अस्पष्ट है।इसलिए सरकार मौत के आंकड़े को ही बदलने के काम में जुट गई है । उन्होंने कहा कि गांव में ऐसे कई लोगों की मौतें हुई जिनका अंतिम संस्कार तक करना मुश्किल हो गया। प्रभावितों की मौतों को हार्टअटैक और अन्य बीमारियों से हुई मौतों में गिना जा रहा है । यह असंवेदनशीलता तानाशाही और दादागिरी का नमूना है।
श्री पटेल ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के प्रकरण बढ़ने के साथ ही सरकार ने यह निर्देश अस्पतालों को दिए थे कि कोविड के प्रारंभिक लक्षण दिखने पर भी तत्काल इलाज शुरू कर दें । जब ऑक्सीजन जीवन के लिए जरूरी दवाओं की कमी, अस्पतालों में बिस्तरों की कमी से ज्यादा मौतें हो गई तो उन्हें अब छुपाया जा रहा है ।
श्री पटेल ने कहा कि सरकार प्रशासनिक तंत्र को झूठ बोलने पर मजबूर कर रही है। कोविड से जो मौतें हुई हैं उनके मृत्यु प्रमाण पत्र में अन्य कारण बताया जा रहा है ताकि उन्हें सरकारी सहायता का लाभ न मिल सके और वह किसी भी प्रकार की सरकार द्वारा घोषित सहायता से वंचित रहे। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक तरफ कोविड-19 से मृत परिजनों के लिए कुछ सहायता घोषित की है दूसरी तरफ पूरी कोशिश कर रही है कि सहायता के दायरे में कम से कम लोग आए। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्होंने ऐसे कोई निर्देश दिए कि कोविड से हुई मौतों के कम से कम मामले सरकारी दस्तावेज में दर्ज किए जाएं।
श्री पटेल ने कहा कि कोरोना से मौत में चार लाख रुपए की सहायता दी जाए। प्रदेश में कोरोना महामारी में घोषित की गई है. इसमें हुई मृत्यु उपरांत संबंधित को एक लाख रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान किया है जबकि प्राकृतिक आपदा से हुई मौत में सहायता राशि चार लाख रुपये प्रदान की जाती है।इस महामारी को भी प्राकृतिक आपदा के समान ही आर्थिक सहायता चार लाख रुपये दी जानी चाहिए।