गाजियाबाद. कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन में लोग बेरोजगार हो गये है ऐसे में स्कूल फीस नहीं जमा करा पा रहे अभिभावकों को सरकार से बड़ी राहत मिली है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रजभूषण चौधरी ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव नहीं बना सकता। यह भी कहा है कि फीस के लिए दबाव बनाने वाले स्कूलों पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल संचालक को जेल भी जाना पड़ सकता है। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के निजी स्कूलों पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन की शुरुआत से ही लोगों के रोजी रोटी छिन जाने से आय के साधन खत्म हो गए हैं बाबजूद कुछ निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। इसको लेकर अभिभावक कई बार विरोध भी कर चुके हैं। अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण कुछ लोगों की नौकरी छूट गई है, जिसके चलते वह फीस भरने में असमर्थ हैं। वहीं, निजी स्कूल लगातार फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। इस बीच एक निजी स्कूल स्कूल और अभिभावकों के बीच फीस को लेकर विवाद भी हुआ है।
अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहा है। उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लास के लिए लिंक नहीं भेजे जा रहे हैं। बच्चों को ऑनलाइन क्लास से हटाए हुए 20 दिन हो गए हैं। जबकि निजी स्कूल अभिभावकों को फीस जमा कराने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही वह किसी बच्चे को फीस जमा नहीं कराने पर ऑनलाइन क्लास से वंचित करने पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने के साथ 1 वर्ष की सजा हो सकती है। वहीं बच्चे की पढ़ाई का नुकसान होने पर दो वर्ष तक की सजा हो सकती है।
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