Magh Gupt Navratri 2023 : माघ मास के इस गुप्त नवरात्रि के दौरान 26 जनवरी को बसंत पंचमी का त्यौहार है. उक्त अवसर पर धूमधाम के साथ मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है.
ज्योतिषाचार्यों ने गुप्त नवरात्रि पंचमी के बारे में तरह-तरह के मत दिए हैं. शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि माघ मास के शुक्ल पक्ष प्रथमा तिथि से शुरू होता है इस दौरान बसंत पंचमी (Basant Panchami) भी आती है इसी दौरान गुप्त नवरात्रि का भी शुभारंभ होता है इन 9 दिनों तक मां दुर्गा की गुप्त रूप से पूजा अर्चना की जाती है.वही शास्त्र आचार्यों ने यह भी बताया है कि इसी दिन सरस्वती जयंती भी धूमधाम के साथ मनाई जाती है इस खास अवसर पर दुर्गा सप्तशती (Durga Saptshati) का पाठ व सहस्त्रनाम का पाठ करने के उपरांत पुष्प का अर्पण करने वाले भक्तों को विशेष रुप से लाभ मिलता है और मां दुर्गा उन भक्तों के ऊपर पूरे साल प्रसन्न रहती है.Magh Gupt Navratri
Magh Gupt Navratri 2023 – शास्त्र आचार्यों ने धर्म शास्त्रों के अनुसार बताया है कि सनातन मे धर्म ने चार नवरात्रि आती है. जिनमें माघ मास और आषाढ़ मास में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहां जाता है. गुप्त नवरात्रि (Gupta Navratri) में मां दुर्गा की गुप्त रूप से 9 दिनों तक पूजा अर्चना करने की मान्यताएं बताई गई है. इसके अलावा चैत्र और अश्विन मास (Chaitra and Ashwin month) में शारदेय नवरात्रि का महत्व बताया गया है. इनमें भी मां देवी की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान के साथ होती है. यह गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी तक चलेगी. इस दौरान जिन भक्तों के द्वारा विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाएगी उनकी मनोकामनाएं मां दुर्गा पूरी करती हैं.
गुप्त नवरात्रि के अवसर पर यह भी मान्यताएं हैं कि इन दिनों अनुष्ठान के साथ-साथ तंत्र और मंत्र साधना (Tantra and Mantra Sadhana) विशेष रुप से की जाती है. इस गुप्त नवरात्रि के दौरान बसंत पंचमी मैं भगवान शंकर की विधि विधान से पूजा की जाती है. वही मां सरस्वती की अर्चनाए भी होती है. वही इस संबंध में शास्त्रचार्यों ने यह भी बताया है कि इस गुप्त नवरात्रि के दौरान भक्तों को देवी की सामान्य रूप से पूजा करनी चाहिए. Gupt Navratri 2023
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का बताया है महत्त्व
धर्म आचार्यों ने गुप्त नवरात्रि के बारे में बताया है कि इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा अर्चना की जाती है. जिनमें मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वर, मां छिन्नमस्तिका, मां त्रिपुर, मां भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी के साथ-साथ मां कमला की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ करने का महत्व बताया गया है. इस गुप्त नवरात्रि में गृहस्थ जीवन वाले को 9 दिन तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से विशेष रुप से फल पाने के अधिकारी होते है. इसके साथ साथ मां दुर्गा के नवार्ण मंत्र का प्रत्येक दिन एक माला लेकर जाप करने का ही महत्व बताया गया. Gupt Navratri 2023
गुप्त नवरात्रि के नियम (Magh Gupt Navratri 2023 Niyam)
- शास्त्रों में कहा गया है कि गुप्त नवरात्रि में व्यक्ति को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. साथ ही उन्हें अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए. ऐसा करने से पूजा-पाठ में मन लगेगा.
- गुप्त नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक शराब या किसी अन्य नशीले पदार्थ का सेवन न करें.साथ ही इस दौरान तामसिक भोजन का सेवन न करें। इस पर मां दुर्गा नाराज हो गईं।
- शास्त्र भी कहते हैं कि नवरात्रि में नकारात्मक विचार नहीं रखने चाहिए.साथ ही अपशब्द और गाली भी नहीं देनी चाहिए. इस दौरान बड़ों का सम्मान करें और अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों को दान, धन या वस्त्र दें.
- गुप्त नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को देर तक नहीं सोना चाहिए.साथ ही उसे चमड़े से बनी चीजें जैसे पर्स, बेल्ट या जूते धारण नहीं करने चाहिए. ऐसा करना पाप की श्रेणी में आता है.
- नवरात्रि की अवधि में क्रोध से बचें. ऐसा इसलिए क्योंकि क्रोध करने से मां भगवती नाराज हो जाती हैं और व्यक्ति को व्रत का फल नहीं मिलता है. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए संध्या काल में माता की आरती अवश्य करें.