अगर रसोई, बाथरूम या घर के किसी अन्य स्थान पर नल से पानी टपकता है तो इसे वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है। घर में सिंक या बाथरूम के नल और टैंक को बंद करने के बाद भी टपकता और गिरता पानी अभी भी नकारात्मक ऊर्जा को वहन करता है। ऐसे में पानी की बर्बादी या बहना अच्छा नहीं माना जाता है। वास्तु के अनुसार जिस घर में नल टपकता है उस घर में फिजूलखर्ची अधिक होती है।
वास्तु के अनुसार जल का प्रवाह इस बात का संकेत करता है कि कहीं धन व्यय हो रहा है। वहीं घर में पैसा नहीं टिकता है और आर्थिक नुकसान की आशंका रहती है।
वास्तु के अनुसार अगर घर के किचन का नल लगातार टपकता रहता है तो यह अधिक अशुभ माना जाता है। वास्तव में रसोईघर अग्नि का धाम है। जहां आग और पानी साथ-साथ चलते हैं, वहां परेशानी और फिजूलखर्ची बढ़ जाती है।
नल के साथ साथ पानी से संबंधित कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना भी जरुरी होता है. वास्तु शास्त्र में इन बातों की काफी अहमियत है. इसके अनुसार
वास्तु शास्त्र के अनुसार पानी की टंकी होने के लिए उत्तर पूर्व दिशा को शुभ माना जाता है। इस दिशा में जल की स्थिति धन और आर्थिक समृद्धि की ओर ले जाती है।
जबकि दक्षिण-पश्चिम दिशा यानी दक्षिण-पश्चिम कोण में पानी की टंकी का होना अशुभ माना जाता है। इस दिशा में जल की स्थित होने से घर में कर्ज संबंधी परेशानी हो सकती है।
वहीं वास्तु शास्त्र में ये भी बताया गया है कि घर के खराब नल का असर व्यवसाय पर भी पड़ता है. क्योंकि इससे व्यापार में नुकसान होता है.