सीधी । जिलें में रेत की कमी न हो व अवैध उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार ने रेत खदानों की स्वीकृति दी है। जिसमें कुसमी ब्लाक में गोतरा रेत खदान भी शामिल है। मगर संचालित की जा रही रेत खदानों में नियमो का पालन नही किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो रेत ठेकेदार का सबसे भरोसेमंद पुजारा हथियार बंद गुर्गो के साथ रेत खदानों में नियमों के विरुद्ध उत्खनन करा रहा है। दरअसल गोतरा रेत खदान में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी के नियमो का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। रेत खदानों में ठेकेदार के द्वारा चैन माउंटेन से रेत उत्खनन किया जा रहा है। ठेकेदार का चैन माउंटेन मशीन धड़ल्ले से गोतरा नदी का सीना छलनी कर रहा है।
बता दे कि भारत सरकार वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नोटिफिकेशन एवं इसमे किए गए संशोधनों के अनुसार रेत खदानों में खदान संचालन के लिए दी गई पर्यावरणीय अनापत्ति में यह शर्त होती है कि, रेत का खनन मानव श्रम से किया जाए जिसमे मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध है। रेत उत्खनन में ठेकेदार राष्ट्रीय हरित न्यायालय एनजीटी के आदेश की बेखौफ धज्जिायां उड़ा रहा है और जिलें का खनिज अधिकारी दीपमाला मौन साधे बैठी है। वही ठेकेदार का गुर्गा 24 घंटे हथियारों से लैस रहते हैं। और जरूरत पड़ने पर मारपीट भी करने से पीछे नहीं हटते तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी इन्हीं माफियाओ का हर स्तर पर सहयोग करते हैं वजह साफ है रेत माफिया हर महीना पुलिस को सुविधा शुल्क जो देते हैं।
हो रहा गोतरा नदी का सीना छलनी
मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध होने के बावजूद गोतरा रेत खदान में एनजीटी के नियमो की खुलेआम धज्जिायां उड़ाई जा रही है। रेत ठेकेदार का गुर्गा पुजारा अपने साथियों के साथ मिलकर चैन माउंटेन मशीनों से रेत उत्खनन किया जा रहा है। ठेकेदार का चैन माउंटेन मशीन बेखौफ गोतरा नदी का सीना छलनी कर रहा है। रेत खदान संचालनकर्ता को खनिज रेत का मूल्य एवं अन्य प्रभारित करों को खदान क्षेत्र में आम जनता के लिये प्रदर्शित करना भी अनिवार्य है लेकिन सीधी जिले के खदान में वर्तमान व्यवस्था को दरकिनार किया जा रहा है।
वैध खनन की आड़ में स्वीकृत क्षेत्र से बाहर हो रहा उत्खनन
खनिज विभाग के अधिकारी मामले की जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए दिखवाने की बात कह रहे है। कुल मिलाकर तथ्य यह है कि बिना विभाग की मदद के अवैध खनन नहीं हो सकता है। वैध खनन की आड़ में स्वीकृत क्षेत्र से बाहर व अधिक गहराइयों तक पहुंच कर रेत खनन किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो ठेकेदार मनमानी करते हुए गोतरा रेत खनन पट्टा से बाहर जाकर भी खनन किया जा रहा है। नदी से ढुलाई वाहन में दुगना-तिगुना रेत लेकर हाईवा बेरोकटोक बाहर निकाले जा रहे हैं। ज्यादातर इन ढुलाई वाहनों पर नंबर प्लेट भी नहीं होतीं है।
पर्यावरण को नुकसान, भाव आसमान छूने वाला
प्रदेश की सरकार नई व्यवस्था से नदियों एवं जल स्रोतों के पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संरक्षण के साथ ही उपभोक्ताओं को सुगमता से उचित मूल्य पर रेत उपलब्ध कराना चाहती है पर उदासीन खनिज विभाग व ठेकेदार की मनमानी से पर्यावरणीय नुकसान हो रहा और रेत की कीमतें आसमान भी छू रही है। सूत्रों की माने तो रात होते ही पुजारा नामक गुर्गा अपने हथियार बंद लोगों के साथ खदान क्षेत्र में पहुंच कर उत्खनन शुरू कर देता है। यदि ग्रामीण काम मांगते हैं तो उन्हें धमकाते हुए गंभीर अपराधों में फंसाने की बात कही जाती है । अगर समय रहते प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता तो कोई बड़ी वारदात हो सकती है।