योगेश तिवारी,संवाददाता,सीधी
सीधी — सीधी सांसद रीति पाठक द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर 90 लाख रुपए सांसद निधि से देने की अनुशंसा कर यह साबित कर दिया है या तो रीति पाठक को केंद्र सरकार की घोषणाओं की जानकारी नहीं है यह अगर जानकारी है तो वह जनता के बीच सहानुभूति लेने का यह नाटक किया गया है जबकि पिछले वर्ष कोरोनावायरस काल के चलते केंद्र सरकार ने सांसद निधि पर 2 वर्षों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था जो कि आज भी जारी है ऐसे हालातों में रीति पाठक जी का सांसद निधि से 90 लाख देने का यह नाटक उनकी बचकानी हरकतों को जाहिर करता है।
ऐसा प्रतीत होता है कि सांसद महोदय को जनता का इस विपत्ति के समय में भी या तो मजाक उड़ाया है या उनकी सहानुभूति बटोरने का प्रयास किया गया है यूं तो चुनावी रैलियों में अक्सर नेता घोषणा तो बहुत करते हैं शिलान्यास तो कहते हैं किंतु क्रियान्वयन नहीं हो पाता। अफसोस इस बात का है कि रीति पाठक इस वैश्विक महामारी में भी फर्जी घोषणाएं कर जनता को बेबकूफ बना रही हैं ? यह जानते हुए भी कि राज्यसभा में केंद्र सरकार ने पूर्व में ही घोषित किया था कि किसी भी सांसद को 2 वर्षों तक निधि देने की स्थिति में सरकार नहीं है बावजूद इसके सांसद रीति पाठक ने जो पत्र जारी किया है वह महज एक दिखावा है या जनता की सहयोग एवं इलाज के लिए अपना योगदान देने का आडंबर है।
रीति पाठक अपने व्यक्तिगत खातों से किसी भी तरह का सहयोग करने में कोई रुचि नहीं दिखाई लेकिन रीवा के संजय द्विवेदी ने अपने व्यक्तिगत खाते से 5 लाख का योगदान देकर प्रशंसनीय कार्य एवं जनता का सहयोग किया है जबकि ना तो यह विधायक है और ना ही सांसद इन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई को जनता की सेवा के सहयोग राशि कलेक्टर को प्रदान कर सेवा भाव को प्रदर्शित किया है।अब रीति पाठक की जमकर किरकिरी हो रही है।
बस तो मेरी बाकी ही कांग्रेस नेत्री कविता पांडे ने सोशल मीडिया एवं जनता के माध्यम से जनता के बीच हर ढंग से सहयोग की निरंतर मुहिम चला रही हैं जिसका सीधा लाभ जनता को प्राप्त हो रहा है आज देश को कविता पांडे एवं संजय द्विवेदी जैसे समाजसेवियों की विशेष आवश्यकता है इन्हें जनप्रतिनिधि के रूप में होना यह समाज और देश के लिए गर्व की बात होगी।
आज ऐसे समाजसेवियों की आवश्यकता है और अगर ऐसे व्यक्ति जनप्रतिनिधि के रूप में सरकार में हो तो जनता का आवर्ती सहयोग एवं कल्याण हो सकता है लेकिन एक सांसद ऐसे विपदा के समय अपने अज्ञानता का परिचय एवं जनता का मजाक उड़ाया जाना अशोभनीय है। ऐसे पत्र जारी कर ऐसी अपेक्षा करना कि वह यह जानते हुए कि सांसद निधि पर प्रतिबंध है इसके बावजूद पत्र जारी कर अपने व सीधी सिंगरौली के जनता के साथ बड़ा खिलवाड़ व मजाक किया है पुर रीति पाठक को जनता से क्षमा मांगनी चाहिए और अपने व्यक्तिगत निधि से जनता के सहयोग हेतु राशि दे अपने इस पत्र का सम्मान रखना चाहिए आज देश को नेता सांसद से ज्यादा समाजसेवियों की आवश्यकता है माननीय सांसद महोदय एक सच्चे समाजसेवी बनकर दिखाएं और सांसद के पद की गरिमा को बनाए रखें।