सिंगरौली 12 जनवरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर चौथी पारी में एक सख्त प्रशासक की तरह बने हुए हैं। जहां वे जनता के लिए नरम दिल हैं, वहीं माफिया, अतिक्रमणकारियों और अपराधियों के लिए कठोर बने हुए हैं। इसका परिणाम है कि पिछले 20 माह से माफिया और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है। मुख्यमंत्री के इस सख्त अंदाज को देखते हुए उन्हें बुलडोजर चीफ मिनिस्टर कहा जाने लगा है। प्रदेश में अभी तक माफिया से अरबों रूपए की 3560 एकड़ जमीन मुक्त कराई गई है। अब इन जमीनों पर स्कूल पार्क समेत सरकारी विभाग बनाए जाएंगे।
चितरंगी तहसील के समीपस्थ गीर छांदा में सिविल न्यायालय भवन के लिए आरक्षित भूमि में आधा दर्जन अतिक्रमण कारियों ने भवन बना लिया था। जहां बेदखल की नोटिस देने के बावजूद अतिक्रमणकारी अपनी जिद पर अड़े थे। आज बुधवार को एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार चितरंगी, गढ़वा टीआई सहित पुलिस की भारी मौजूदगी में पांच मकानों को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त करा दिया गया।
दरअसल चितरंगी के गीर छांदा स्थित आराजी नं.797 कुल रकवा 0.83 हे.म.प्र.शासन सिविल कोर्ट के नाम से अभिलेख में भूमि दर्ज है। किन्तु करीब आधा दर्जन अतिक्रमणकारियों द्वारा जबरन मकान बना लिया गया था। राजस्व विभाग के द्वारा प्रकाश पिता विश्राम गुप्ता, राजेश पिता दुर्गा प्रसाद जायसवाल, सुरेन्द्र गुप्ता पिता गंगा गुप्ता, राजेश गुप्ता पिता कृपाल गुप्ता, बालेन्द्र चौबे पिता नारदनाथ चतुर्वेदी सभी निवासी चितरंगी को आरक्षित सरकारी भूमि बेदखल करने नोटिस भी दी गयी थी। बावजूद इसके सरकारी जमीन खाली नहीं कर रहे थे। कलेक्टर राजीव रंजन मीना के निर्देश, पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र कुमार सिंह व अपर कलेक्टर डीपी वर्मन के मार्गदर्शन में चितरंगी एसडीएम नीलेश शर्मा, तहसीलदार जीतेन्द्र वर्मा, नायब तहसीलदार जान्हवी शुक्ला, अर्जुन बेलवंशी, चितरंगी टीआई डीएन राज, गढ़वा टीआई मनोज सोनी, सहित राजस्व विभाग के आरआई, पटवारी व भारी संख्या में पुलिस बल जेसीबी मशीन के साथ स्थल पहुंच अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गयी।
पहले अतिक्रमणकारियों के मकान को खाली कराने की हिदायत दी गयी। तत्पश्चात मकानों को बुल्डोजर से ध्वस्त करा दिया गया। आज बुधवार को करीब 6 घण्टे से अधिक समय तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चलती रही। मौके पर अभी एक मकान और है जहां उसे भी जमींदोज कराया जायेगा। राजस्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बाजार मूल्य करीब साढ़े 7 करोड़ की जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। एसडीएम ने कहा है कि क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी अभियान की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। अतिक्रमणकारियों को सख्त हिदायत दी गयी है कि किसी भी हालत में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालो को बक्सा नहीं जायेगा।
गीर छांदा में बनेगा सिविल न्यायालय का दफ्तर
जानकारी के मुताबिक चितरंगी तहसील के समीपस्थ गीर छांदा में म.प्र.शासन सिविल कोर्ट का दफ्तर बनाये जाने के लिए भूमि आरक्षित है। अतिक्रमण से मुक्त होने के बाद उक्त भूमि में सिविल कोर्ट भवन बनाये जाने प्रस्तावित किया गया है। जहां अब उम्मीद लगने लगी है कि अतिक्रमण से मुक्त होने के बाद सिविल कोर्ट का दफ्तर बनेगा। एसडीएम नीलेश शर्मा इसके पूर्व भी गीर छांदा में करोड़ो कीमत की सरकारी जमीन को एक गुप्ता परिवार से अतिक्रमण मुक्त कराया था। उस दौरान उनकी कार्रवाई कई नेताओं को नागवार भी लगी थी। बावजूद इसके उन्होंने बिना किसी परवाह किये अतिक्रमण विरोधी की कार्रवाई कार्रवाई किया था।
अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई चलती रहेगी
चितरंगी एसडीएम नीलेश शर्मा ने बताया कि गीर छांदा में म.प्र.शासन सिविल कोर्ट के लिए आरक्षित भूमि में आधा दर्जन लोगों के द्वारा कब्जा कर मकान बना लिया गया था। बेदखल की नोटिस दी गयी। जहां आज बुधवार को कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व एवं पुलिस की टीम ने 5 मकानों को ध्वस्त कराते हुए अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। अभी एक मकान बचा है उसे भी ध्वस्त करा दिया जायेगा। इस तरह की कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी।