इंदौर — भले ही सरकार लाख दावे करें कि कोरोना मरीजों को उपचार की व्यवस्था देने के लिए समुचित उपाय कर लिए गए हैं लेकिन सरकार के उन दावों की पोल उस समय खुल गई जब मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के हॉस्पिटल कोरोना सहित अन्य मरीजों को ऑक्सीजन देने में खुद को असहाय मान लिया है या यूं कहें कि मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कोरोना वायरस से बेहाल हो गया है तो गलत नहीं होगा। आलम है यह है कि यहां निजी हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है। अब हॉस्पिटल प्रबंधन मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए कहा जा रहा है।
बता दें कि परिजन अपने मरीज को बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर खुद खरीद कर अस्पताल ले जा रहे हैं प्रशासन द्वारा किए गए तमाम दावे फेल होते नजर आ रहे हैं कुछ ऐसा ही दिखा गुर्जर हॉस्पिटल में जा ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी होने के चलते मरीज परेशान हो रहे हैं मरीजों ने बताया कि एडमिट करने के दौरान अस्पताल प्रबंधन बता देता है कि ऑक्सीजन 2 से 3 घंटे के लिए ही है आगे की व्यवस्था आप कर ले।
सरकार यह तमाम दावे किए जा रहे थे कि ऑक्सीजन सिलेंडर और अब इंजेक्शन रेमडेसिवर की आपूर्ति पर्याप्त रूप में हो रही है इसके बावजूद लोग लंबी-लंबी कतारें लगाकर इंजेक्शन खरीद ने के लिए दिख रहे थे। वही ऑक्सीजन को लेकर भी दावे अब फेल होते नजर आ रहे हैं जहां गुर्जर हॉस्पिटल में लोग मरीजो के आक्सीजन के लिए परेशान होते नजर आए। कई परिजन तो काफी समस्याओं के बीच लोग खुद अपनों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदकर हॉस्पिटल लेकर पहुंच रहे थे। हॉस्पिटल में दो या 3 घंटे के लिए ही ऑक्सीजन मौजूद है वहीं परिजनों को ₹10,000 का नगद डिपॉजिट जमा कर 700 से 800 रुपय में 25 किलोमीटर दूर पीतमपुर से इन सिलेंडरों को लाना पड़ रहा है।