सिंधिया राजघराने का संघ/भाजपा मे विलय का बना इतिहास
भोपाल । मध्यप्रदेश मे भाजपा कांग्रेस के बीच 20-20 के सियासी मैच मे जहां विजेता का खिताब भाजपा के नाम रहा, वहीं इस पूरे सियासी मैच मे कांग्रेस बुरी तरह धराशायी हो गई! म.प्र. भाजपा कप्तान विष्णु दत्त शर्मा व उनकी जाबांज टीम ने अपने शीर्ष नेतृत्व की देखरेख मे इस पूरे मैच मे बेहतर प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस टीम कप्तान कमलनाथ व दिग्विजय सिंह आत्मविश्वास से लबरेज टीम को ऐसी करारी शिकस्त दी कि कांग्रेस बुरी तरह धराशाई हो गई या फिर यूं कहें कि काग्रेस प्रदेश में अर्श से फर्श में पहुंच गई। भोपाल से दिल्ली तक कांग्रेस मे मातम छा गया है! देश की सियासत के कद्दावर खिलाड़ी के साथ साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा सिंधिया राजघराने के रियासतदार ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही पिता की विरासत की राजनीति मे कांग्रेसी ठप्पे से जाने व पहचाने जाते रहे हैं। परंतु इस तथ्य को भी स्वीकार करना होगा कि भारतीय जनता पार्टी तथा सिंधिया राजघराने के बीच कभी भी दूरी नहीं रही है। बावजूद इसके ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस मे हमेशा एक जिम्मेदार नेता के तौर पर देश मे शुमार रहे हैं।ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश में सवा साल से बैसाखी के सहारे चल रही कमलनाथ सरकार को ध्वस्त कर कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास कराते हुये कांग्रेस मे संकटपूर्ण खलबली मचा दिया है। तो वहीं दिग्विजय सिंह की हिंदुत्व विरोधी तथा मुस्लिम तुष्टिकरण की घिनौनी अहंकारी राजनीति पर भी कड़े प्रहार का संदेश दिया है!जाहिर तौर पर भाजपा मे सिंधिया का प्रवेश जिन परिस्थितियों के बीच हुआ उसके मुताबिक आगामी दिनों में उनका मोदी मंत्रिमंडल मे शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है। 20-20 के शुरूआती दौर में भारतीय राजनीति के इस बड़े और एतिहासिक घटनाक्रम मे सिंधिया राजघराने का संघ/भाजपा मे पूर्ण विलय का इतिहास तो बना ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के'कांग्रेसमुक्त भारत'अभियान के तौर पर भी यह बड़ी कामयाबी का हिस्सा है। कुल मिलाकर 20-20 के सियासी मैच मे जहां भाजपा विजेता का खिताब अपने नाम करने मे सफल रही,तो वहीं कांग्रेस बुरी तरह धराशाई हो गई। बताते चलें कि सियासी मैदान में अभी भी दोनों के बीच संघर्ष जारी है तथा दोनों टीमें परंपरागत तौर पर आमने सामने बनी हुई हैं।तो वही दूसरी
तरफ काग्रेस के सरपरस्त कई नेता अब जो प्रशासनिक अधिकारियों पर रुतबा दिखा रहे थे अब उनके सामने अपने अस्मिता बचाने का मौका मिलेगा इस पर भी बड़ा प्रश्न चिन्ह है।
2 Comments
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