जच्चा बच्चा की बची जान, परिजनों ने जताया आभार
सीधी — बीते गुरूवार की शाम जिला चिकित्सालय में कोरोना संक्रमित मरीज की हालत उस वक्त और बिगड़ गयी जब गर्भावस्था के साथ साथ महिला के शरीर में खून की कमी होना बताया गया। चिकित्सकों के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में उक्त मरीज बन गया, क्योंकि हर हाल में जच्चा बच्चा को पूरी तरह से सुरक्षित रखना हर चिकित्सक का पहला धर्म बन जाता है।
कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहॉ ज्यादातर चिकित्सक कोरोना मरीज का नाम सुनते ही दस कदम पीछे चले जाते हैं वहीं जिला चिकित्सालय में पदस्थ वरिष्ट महिला चिकित्सक दीपा रानी इशरानी ने समाज में एक मिशाल पेश करते हुए उक्त महिला का सफल आपरेशन किया।मिली जानकारी के आधार पर बताया गया कि गुरूवार को महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.दीपा रानी इशरानी एवं एनेस्थीसिया चिकित्सक वासू खरे, उषा सिस्टर, निचकू वार्ड व्याय ने समग्र प्रयास से कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला का सफल आपरेशन कर मॉ और बेटे के जीवन रक्षा में सफलता हॉसिल की है। मरीज के परिजनों ने इतने चुनौतीपूर्ण दौर में अपने मरीज की रक्षा तथा नवजात के जन्म के लिए जिला चिकित्सालय परिवार के प्रति ह्दय से आभार व्यक्त किया है।
आपको बतादें कि कोरोना वायरस से बचाव हेतु चिकित्सक पूरे शरीर को ढंगते हुए, गर्मी के मौसम में भी ऐसे वस्त्र पहनते हैं जो कि सामान्यत: आमजन अगर पहन ले तो 10 से 15 मिनट में ही घुटन महसूस करने लगते हैं। और यही पीपीई किट घंटो पहनकर चिकित्सकों ने आपरेशन को सफल बनाया है। सुरक्षा के दूसरे चरण में सबसे अहम बात तो यह है कि आपरेशन थियेटर को कोरोना वायरस के प्रभाव से पूर्णत: मुक्त करते हुए ऐसा प्रयास किया जाये ताकि अन्य आपरेशनो में आने वाले स्वस्थ मरीज कोरोना की चपेट में ना आ जायें।