CM Shivraj: भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(shivraj singh chauhan) भले ही कुपोषण को लेकर संजीदा दिखाई दे रहे हो और प्रदेश सरकार (sarkar) कई अभियान (abhiyan) चलाकर बच्चों को पोषण(posan) आहार देने का दावा कर रही हो लेकिन स्थिति मध्यप्रदेश की बेहद गंभीर दिखाई दे रही है.
आज वर्तमान स्थिति पर नजर दवा लाए तो मध्यप्रदेश कुपोषण (kuposan) के मामले में बेहद चिंताजनक स्थिति बनी हुई है कलंक को मिटाने के लिए सभी दावे फेल दिखाई दे रहे हैं सिर्फ सीएम शिवराज के अफसर आंकड़े बाजी में उलझे हुए हैं. CM Shivraj
स्थिति पर नजर दौड़ा है तू कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है प्रदेश में कुल 29665 बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं इनमें से सिर्फ 8245 बच्चों का ही वजन बढ़ सका है सबसे ज्यादा धार जिले की स्थिति बेहद चिंताजनक है जहां 8287 बच्चे अति कुपोषित की श्रेणी में आ रहे हैं यही हाल अशोकनगर का बना हुआ है जहां रिकवरी के मामले में फिसड़ी दिखाई दे रहा है. बताया जाता है कि कुपोषित बच्चों का वजन बढ़ाने के मामले में प्रदेश के सबसे पिछड़े 5 जिलों में झाबुआ भी शामिल होना बताया जा रहा है. CM Shivraj
झाबुआ जिले की स्थिति पर नजर दौड़ाई तो प्रदेश में उन चश्मा नंबर है यहां 746 बच्चे अति कुपोषित मिले हैं जिनमें से महज 245 बच्चों का वजन बढ़ा है यही हाल दतिया का बना हुआ है यहां कार्यकर्ताओं की निगरानी में दवाई दी जाती है.
पहले 5 दिन एंटीबायोटिक देते हैं जिससे अगर खांसी जुखाम आर से पड़ी है तो वह ठीक हो जाती है इसके बाद 14 दिन जिनक दिया जाता है जिससे बच्चों की भूख खुल जाती है अच्छे से खाना खाने लगते हैं लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार कुपोषण को लेकर ढेर सारे प्रयास कर रही है ताकि मध्यप्रदेश कुपोषण के कलंक से मिट जाए लेकिन इतने सारे प्रयास के बावजूद स्थिति बेहद चिंताजनक है आखिर मध्य प्रदेश शासन के अवसर कुपोषण को लेकर संजीदा क्यों नहीं उसकी सबसे बड़ी वजह बताई जाती है कि जो बच्चे कुपोषण से ग्रसित है वह अस्पतालों में भर्ती है लेकिन उन्हें सही तरीके से दवा और खान-पान पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. CM Shivraj