सतना. मध्य प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र में स्वर्गीय कुंवर अर्जुन सिंह सर्वहारा जनाधार वाले नेता रहे हैं उनके जाने के बाद उनके बेटे पूर्व नेता अजय सिंह राहुल ने उनकी राजनीतिक विरासत संभाली लेकिन उनके पैर डगमगा नतीजा वह विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव हार गए। इस बीच मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। सत्ता जाने के करीब साल भर बाद कांग्रेस का अंदरूनी कलह फूट कर सतह पर आ गया है। खास तौर पूर्व प्रतिपक्ष नेता अजय सिंह राहूल के ताजा बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस में दो धड़े खुल कर सामने आ गए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आने वाले दिनों में इसका खामियाजा पार्टी को भारी पड़ सकता है।
बता दें कि पिछले हफ्ते जब पूर्व सीएम कमलनाथ मैहर पहुंचे थे तो सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए उन्होंनें ”भारत को बदनाम देश ” जैसी विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी जिसे भाजपा के लोगों ने तेजी से वायरल ही नहीं किया बल्कि उस टिप्पणी को लेकर अब तक पार्टी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की किरकिरी हो रही है। हालांकि मैहर से भोपाल लौटते जबलपुर एयरपोर्ट पर उन्होंने अपनी गल्ती को संभाला था और संशोधित टिप्पणी की थी। फिर मैहर की टिप्पणी को लेकर सत्ता पक्ष को कांग्रेस पर हमला करने का पूरा मौका मिला। इसके अलावा पूर्व सीएम ने पिछले साल सत्ता जाने के संदर्भ में विंध्य क्षेत्र को भी जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि सरकार विन्ध्य में कम सीटें आने के कारण गिरी है।
इन दोनों टिप्पणियो से आहत पूर्व प्रतिपक्ष नेता अजय सिंह राहुल ने पूर्व सीएम व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को जुबान पर नियंत्रण रखने की नसीहत दे डाली। अजय सिंह गुरुवार को अल्प प्रवास पर सतना के ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचे थे। वहां उन्होंने अपने ही प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता को नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि चाहे कमलनाथ हो या फिर अजय सिंह राहुल हो उन्हें अपने बाणी में संयम रखना होगा। उन्होंने आगे कहा कि कहा कि, ”कांग्रेस सरकार गिरने के लिए विंध्य नहीं बल्कि सरकार बचाए रखने की खुद की जिम्मेदारी बताई। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कमल नाथ को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। ऐसे शब्द नहीं बोलें जिससे भाजपा को राजनीति करने का मुद्दा मिल जाए। उन्हें बयान देते समय संयम रखने की जरूरत है, क्योंकि मीडिया से चर्चा के बाद कई तरह से कयास लगाए जाने लगे हैं।
बता दें कि विंध्य क्षेत्र में अजय सिंह राहुल का व्यक्तित्व एक दबदबे वाले नेता के रूप में जाना जाता है। लेकिन गुटबाजी और आपसी कलह बार-बार सामने आने से पार्टी की जमकर किरकिरी हो रही है। अजय सिंह राहुल गुरुवार को सतना प्रवास के बाद तुरंत भोपाल के लिए रवाना हो गए लेकिन इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के भीतर एक बार फिर कलह की राजनीति को हवा दे दी है। सूत्र बताते हैं कि इस समय प्रदेश में कांग्रेसी दो गुटों में है पहला पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का तो दूसरा राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का है कहा यह भी जा रहा है कि अजय सिंह के पीछे दिग्विजय सिंह का भी सपोर्ट है इसकी वजह स्वर्गीय कुंवर अर्जुन सिंह दाऊ साहब ।
विंध्य क्षेत्र में अजय सिंह राहुल और कमल नाथ खेमा दो धड़ों में बंटा हुआ है। धरना- प्रदर्शन से लेकर चुनावी कार्यक्रमों में भी आपसी खींचतान साफ नजर आती है। तीन माह पूर्व जहां सतना शहर में अजय सिंह राहुल ने महंगाई के विरोध में बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया था जिसमें करीब 25 हजार लोगों की भीड़ जुटी थी जबकि इस बड़े प्रदर्शन में शहर के ही इकलौते कांग्रेस विधायक नहीं पहुंचे थे। उन्हें कहीं न कहीं कमल नाथ गुट का करार दिया जाता है जिसके कारण अजय सिंह राहुल, दिग्विजय सिंह के कार्यक्रमों में जिले की कांग्रेस दो धुरों में बंटी नजर आती है। राजनीतिक जानकारों की माने तो अजय सिंह राहुल को दिग्विजय सिंह का बल मिलता है दिग्विजय सिंह अपने बेटे विधायक जयवर्धन सिंह को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की सीट पर बैठाने का सपना सजो रखे हैं।