MP News: कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘सरकार बनी तो हम किसानों(kisaano) का कर्ज माफ करेंगे।’ इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(shivraj singh chauhan) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. कहा जाता है कि लकड़ी की हांडी (handi) बार-बार नहीं उठती हैं.
MP News: राहुल गांधी ने 10 दिनों के भीतर कर्ज(karj) माफ करने का वादा किया था, लेकिन एक साल में ऐसा करने में वह विफल रहे.
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के कर्जमाफी के बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ”यहां-वहां की बात मत करो, यह बताओ कि 10 दिन में कर्ज माफ क्यों नहीं हुआ?” कमलनाथ ने शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि खरीद-फरोख्त से बनी शिवराज सरकार ने खुद स्वीकार किया था कि कांग्रेस सरकार ने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था. MP News
फिर भी मुख्यमंत्री को झूठा बयान देना पड़ रहा है. हालांकि यह आंकड़ा उनकी ही सरकार ने विधानसभा में पेश किया था. नाथ ने यह भी ट्वीट किया कि शिवराज सरकार ने किसानों की कर्जमाफी योजना को बंद कर दिया है. मैं किसानों को विश्वास दिलाता हूं कि 10 महीने बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और हर किसान का कर्ज माफ किया जाएगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि लकड़ी के बर्तन बार-बार नहीं दिए जाते. राहुल गांधी ने वादा किया था कि वह 10 दिनों के भीतर कर्ज माफ कर देंगे, लेकिन 1.25 साल का समय दिए जाने के बावजूद वे ऐसा नहीं कर पाए. अब ट्विटर पर कमलनाथ का यह झूठा बयान जमकर वायरल हो रहा है. MP News
नाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने 18 साल तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद एक किसान का कर्ज माफ नहीं किया. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर वे किसानों पर हुए पाप और अत्याचार का प्रायश्चित करना चाहते हैं तो तुरंत किसानों की कर्जमाफी की घोषणा करें और प्रदेश के हर किसान को कर्ज मुक्त करें. मुझे पता है वह यह कभी नहीं कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर काबिज हैं, लेकिन लगता है कि वह इस पद से झूठ बोलकर विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं. मध्य प्रदेश के लोग पहले से ही जानते हैं कि चौहान अभिनय के उस्ताद हैं. MP News
एससी-एसटी प्रतिभागियों को कम अंक देने की जांच की मांग
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. जबकि, महिला विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती में अन्य श्रेणियों के प्रतिभागियों की तुलना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रतिभागियों को कम अंक दिए जाने के मामले की जांच करने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार परीक्षा अंक देने में एससी और एसटी के साथ भेदभाव कर रही है. MP News