Satna: Lokayukta raids in Satna – गिरफ्तार, पकड़ाते ही साहब की पैंट हो गई गीली.
लोकायुक्त पुलिस (lokayukt Police) द्वारा आए दिन भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी कर्मचारियों पर छापामार कार्रवाई की जा रही है. जिसमें छापामार कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस ने डिप्टी रेंजर (deputy ranger) को रंगे हाथों रिश्वत (Satna bribe) लेते गिरफ्तार किया है. इतना ही नहीं तलाशी के दौरान डिप्टी रेंजर के पास से अवैध पिस्तौल भी बरामद की गई है.
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रीवा – लापरवाह-भ्रष्ट अधिकारी (corrupt officials) कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है.रीवा लोकायुक्त पुलिस (lokayukt Police) की टीम ने सतना में दबिश देकर डिप्टी रेंजर धीरेंद्र और दो बीट गार्डों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त की इस छापेमारी से वन विभाग में हड़कंप मच गया. तीनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. बताया जा रहा हैं कि डिप्टी रेंजर पकड़े जाने के बाद उनकी पैंट तक गीली हो गई. यही अब चर्चा का विषय है. Satna
बता दें कि सतना Satna वन मंडल अंतर्गत घर घर-नल जल परियोजना के लिए सरकार ने योजना की टेंडर दे रखे हैं. वहीं इसके लिए डिप्टी रेंजर द्वारा 20 हज़ार रूपए रिश्वत की मांग की गई थी। इस काम में डिप्टी रेंजर के अलावा बीट गार्ड भी शामिल थे।जहा परसमनिया के डिप्टी रेंजर ने ठेका कंपनी की जेसीबी मशीन को पकड़ा और उसे राजसात करने का भय दिखा कर रिश्वत का दबाव बनाया। डिप्टी रेंजर ने 5 लाख रुपए रिश्वत मांगी और 20 हजार रुपए घूस लेते हुए उसे लोकायुक्त रीवा की टीम ने धर दबोचा. उसके साथ ही बीट गार्ड भी पकड़ा गया है.
क्या था मामला
मुन्नू पांडेय ने लोकायुक्त एसपी रीवा के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि 24 मई को पाइप डालने के लिए खुदाई कर रही उनकी जेसीबी मशीन को डिप्टी रेंजर धीरेंद्र चतुर्वेदी और बीट गार्ड अनिल मांझी ने पकड़ ली। वन भूमि और पेड़ों को क्षति पहुंचाने का गम्भीर आरोप लगा दिया। उन्होंने एक फर्जी पंचनामा बनाया और धमकी दी कि शाम 7 बजे तक जेसीबी राजसात कर ली जाएगी. जिसके शुक्रवार को ₹20 हज़ार रूपए की घूस देने के लिए ठेका कंपनी को डिप्टी रेंजर ने अपने सरकारी आवास पर बुलाया.
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बता दे की ठेका कंपनी के प्रतिनिधि जैसे ही डिप्टी रेंजर के सरकारी आवास पर गए और उन्होंने रकम दी। लोकायुक्त की टीम ने प्लान के तहत दबिश देते हुए डिप्टी रेंजर को रंगे हाथों दबोच लिया. इसके अलावा दोनों बीट गार्ड भी हिरासत में लिए गए हैं। ठेकेदार की जेसीबी मशीन छोड़ने का आग्रह करने पर डिप्टी रेंजर ने 5 लाख रुपए रिश्वत मांगी लेकिन बाद में सौदा 30 हजार में पट गया। उधर मुन्नू पांडेय ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी और शिकायत की तस्दीक के लिए डिप्टी रेंजर को पांच हजार रुपए दे भी दिए. शेष रकम के लिए शुक्रवार का दिन तय हुआ.
लोकायुक्त पुलिस से प्राप्त जानकारी के माने तो धीरेंद्र चतुर्वेदी, डिप्टी रेंजर सहित बीट गार्ड अनिल और नीरज दुबे बीट गार्ड को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल यह लोग जंगल के क्षेत्र में पाइप लाइन निकलवाने के बदले 20 हज़ार रूपए की रिश्वत ले रहे थे। इतना ही नहीं डिप्टी रेंजर के पास एक अवैध पिस्तौल भी बरामद की गई है। माना जा रहा है कि इसका लाइसेंस उनके पास नहीं है। वही तीनों आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और रेंजर के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. Satna
डिप्टी रेंजर के सरकारी निवास पर लोकायुक्त की दबिश के दौरान एक अवैध पिस्टल और 1 लाख रुपए नगद मिले हैं। रकम और पिस्टल के बारे में वह नहीं बता पाया. ट्रैप टीम में डीएसपी राजेश पाठक, इंस्पेक्टर प्रमेन्द्र कुमार, सब इंस्पेक्टर ऋतुका शुक्ला समेत 15 सदस्य शामिल थे. Satna