लापता हो चुकी जमीन की नहीं हो सकी वापसी,
SIDHI : बहुचर्चित चुरहट थाना के लिए आवंटित जमीन घोटाले में आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस दिलचस्पी नहीं ले रही है। मामले की जांच कर रही पुलिस ने पूरे मामले में पर्दा डालने की भरसक कोशिश की और अब इस जमीन घोटाले में खात्मा खारिज करने की साजिश रच रहा है बता दें कि चुरहट थाने के लिये आवंटित बेशकीमती भूमि के लापता होने के मामले में माफियाओं के विरुद्ध कायम अपराध में पुलिस द्वारा खात्मा ख़ारजी लगाने की तैयारी हो रही हैं। मामले की शिकायत होने पर तत्कालीन संभागायुक्त राजेश जैन ने 13 सितम्बर 2020 को खुद पड़ताल करने मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान फरियादी सहित आरोपी से अलग-अलग पूछताछ की गई है।
ज्ञात हो कि वर्ष 1983 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कुंवर अर्जुन सिंह द्वारा चुरहट में शासकीय भूमि के 0.898 हेक्टेयर के टुकड़े को पुलिस विभाग के लिए आवंटित किया गया था, जो राजस्व रिकार्ड में वर्ष 2001 के पूर्व पुलिस विभाग के नाम दर्ज थी, किंतु वर्ष 2001 के बाद उक्त जमीन को नक्शा सुधार के नाम पर चुरहट निवासी विजय गुप्ता व उनके परिजनों के नाम कर दी गई। जिससे राजस्व नक्शे से पुलिस विभाग को आवंटित जमीन गायब हो गई। अब मामले की शिकायत शुरू हुई तब मजबूर होकर पुलिस विभाग अपनी जमीन की तलाश शुरू की। बताया गया है कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा चुरहट टीआई को जांच के निर्देश दिए गए और जब जांच शुरू हुई तब जमीन घोटाले की परत दर परत खुलने लगी। विभाग द्वारा एक आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना तो की गई किन्तु अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका। बताया जा रहा है कि विवेचना के दौरान तत्कालीन अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध रही है।
इस मामले में उल्लेखनीय बात यह है कि पुलिस को आवंटित भूमि को राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी ही सांठ गांठ के चलते गायब कराने में जुटे हुये हैं। यहां तक कि तत्कालीन कलेक्टर के भू आवंटन आदेश को ही तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में गलत बताने में कोई गुरेज नहीं किया गया। राजस्व विभाग द्वारा पुलिस विभाग को आवंटित भूमि आदेश की फर्जी कापी भी जारी कर दी गई और दाखिला पंजी में पुलिस विभाग के आदेश की जगह पर बाणसागर बुढग़ौना दर्ज कर दिया गया जबकि प्रकरण क्र.1/अ-19 (3) 83-84 आदेश दिनांक 20.10.1983 के जरिये पुलिस विभाग को सर्रा गांव में पुराना आराजी नं. 573, नया नंबर वर्तमान 114, 115 कुल रकवा 2.22 एकड़ की भूमि पुलिस थाना चुरहट के कार्यालय एवं आवास हेतु आवंटित किया गया था। दिनांक 29.10.83 को कलेक्टर सीधी द्वारा प्रकरण क्र.650/प्रवाचक/ 83 के आदेश में कलेक्टर के हस्ताक्षर भी बने हुये हैं। वहीं पुलिस अधीक्षक सीधी, एसडीएम गोपद बनास, तहसीलदार गोपद बनास की ओर सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई के लिये आदेश अग्रेषित किये गये थे।
पुलिस विभाग व थाना चुरहट को आवंटन आदेश की सत्यापित प्रति 7 जून 2018 को कलेक्टर सीधी द्वारा उपलब्ध कराई गई है। जिसके बाद थाना चुरहट द्वारा 9 नवंबर 1983 को आवंटित भूमि पर अपना कब्जा कर विभाग का बोर्ड भी लगा दिया था। बोर्ड गायब है और मामला अधर में पड़ा हुआ है। बताया जाता है कि चुरहट के ही संजय पाण्डेय द्वारा संभागायुक्त रीवा को हाल में उक्त मामले की शिकायत की गई जिस पर संभागायुक्त ने खुद मौके पर जाकर परीक्षण भी किये थे। इसी सिलसिल में 13 सितम्बर 20 रविवार को वे चुरहट आकर पुलिस को आवंटित जमीन का न की परीक्षण किया बल्कि फरियादी और आरोपी के कथन भी लिये हैं। उन्होने आश्वस्त किया है कि शीघ्र ही आवंटित भूमि पुलिस को उपलब्ध करायी जाएगी और फर्जीवाड़ा करने वालो पर कार्यवाही की जाएगी। बता दें कि पुलिस को आवंटित जमीन की वर्तमान कीमत दस करोड़ से ऊपर आंकी जा रही है।