MP Loksabha election सिंगरौली : राजनीतिक दलों की उदासीनता शादियों का सीजन गर्मी का असर और मतदान बहिष्कार के चलते जिले के मतदान प्रतिशत को आगे बढ़ने से रोक दिया है। अधिक मतदान करने का अफसर और नेताओं की मेहनत सिंगरौली जिले की तीनों विधानसभा के आंकड़े बता रहे हैं कि फेल है। लोक सभा चुनाव के इस रण में पहले चरण में हो रहे सिंगरौली जिले में मतदान हो रहा है। लोकतंत्र के महापर्व में सभी की भागीदारी हो इसके लिए चुनाव आयोग लगातार भले प्रयास किया है। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी 2024 के चुनाव में 54 फीसदी वोटर ही बूथ तक पहुंच पाए। ऐसे में माना जा रहा है कि जिला प्रशासन भले हैं शहरी क्षेत्र में प्रचार प्रसार किया है लेकिन ग्रामीण अचलों में प्रशासन की गतिविधियां जो होनी चाहिए था वह काफी नहीं था।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में सीधी सिंगरौली लोकसभा में शुक्रवार सुबह सात बजे से मतदान प्रारंभ हुआ। प्रचंड धूप एवं लग्न शरा ने लोकतंत्र के महायज्ञ में अपनी आहुति देने कम लोग ही निकाल पाए। जिले के तीन विधानसभा सीटों के सात लाख तेरह हजार तीन सौ नौ मतदाता अपना जनप्रतिनिधि चुनने वाले थे लेकिन महज 54 प्रतिशत ही मतदान हुआ. जिले में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ। वहीं चितरंगी विधानसभा के सोन अभ्यारण इलाके के गोपला, पोड़ी और रमपुरवा के मतदाताओं ने करीब 18 साल से लंबित पड़ीं सड़कनिर्माण नहीं होने से लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइए इसके बाद करीब 2 से मतदान शुरू हुआ। मतदान खत्म होने तक 50 प्रतिशत लोगों ने ही मतदान किया। MP Loksabha election
जिले में दोपहर 1 बजे तक 37.27 प्रतिशत मतदान हुआ। इससे पहले सुबह 11 बजे तक 27.47 प्रतिशत मतदान हुआ। वही शाम 5 बजे तक 54.8 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले लोकसभा 2019 चुनाव के मुकाबले इस बार मतदान करीब 10.8 प्रतिशत कम हुआ है। वही इस लोकसभा चुनाव में रीति पाठक को 48.08 प्रतिशत वोट मिले थे। MP Loksabha election
मतदाताओं की उदासीनता नहीं तोड़ पाया प्रशासन
लाख प्रचार प्रसार के बावजूद उदासीन मतदाताओं को जगाया नहीं जा सका और जिले का मतदान फीसद 2019 के चुनाव की अपेक्षा कम रहा। कम मतदान ने यह भी साबित कर दिया कि ये जिला सिंगरौली है और उदासीन मतदाताओं को जागरूक करना उतना आसान नहीं है जितना प्रशासन मान रहा था। वही माना जा रहा है कि जिला प्रशासन शहरी क्षेत्र में भले ही मतदान करने के लिए प्रचार प्रसार किया लेकिन ग्रामीण अंचलों में प्रशासन की जो गतिविधि देखनी चाहिए वह नहीं रही। साथी भाजपा की पन्ना प्रमुखों और नेताओं ने मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए जो जिम्मेदारी निभाना चाहिए वह नहीं निभाई भाजपा के स्थानीय नेताओं में मतदान को लेकर उत्साह नजर नहीं आया। MP Loksabha election
मतदान बढ़ाने स्वीप योजना को लेकर नोडल का नहीं दिखा प्रभाव
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग के अनुसार स्वीप योजना भले ही चलाई गई लेकिन मतदान प्रतिशत के आंकड़े इस योजना की पोल खोल रहे हैं। मतदाताओं को जागरूक करने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्वीप योजना की जिम्मेदार मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेंद्र सिंह नागेश को दी गई थी लेकिन लाख प्रयास के बावजूद मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ा। चर्चाएं हैं कि जिला पंचायत सीईओ एवं स्वीप के नोडल अधिकारी ने क्षेत्र के पंचायत सचिव, रोजगार सहायक और सरपंचों पर अपना प्रभाव नहीं दिखा पाए। इस बात को लेकर अब तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है चर्चाएं यहां तक है कि जिला पंचायत सीईओ पंचायत विभाग से जुड़े होने बाबजूद नोडल की भूमिका बेहतर तरीके से नहीं निभा पाए। सिर्फ शहरी क्षेत्र में स्वीप का कार्य दिखा करके वाहवाही लूटने का भरपूर प्रयास किया है। उनकी कार्यप्रणाली पर भी उंगलियां उठने लगी हैं। MP Loksabha election
86 साल की महिला व्हीलचेयर में बैठ पहुंची मतदान केंद्र
लोकतंत्र के महापर्व में भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य वीरेंद्र गोयल आपकी 86 वर्षीय मां पार्वती देवी गोयल को लेकर मतदान केंद्र पहुंच मतदान कराया। मौजूद लोगों ने मतदान के प्रति जागरूकता देख सब ने सराहना की। वही बुजुर्ग महिला ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट देने की अपील की। MP Loksabha election