Singrauli News : सिंगरौली: अपराधियों की एंट्री से पत्रकारिता तेजी से दूषित होती जा रही है और अपनी विश्वसनीयता भी खोती जा रही है। एंड्राइड मोबाइल फोन आने के बाद पत्रकारिता के मायने बदल गए हैं। कुछ तथा कथित मीडिया कर्मी, यूट्यूब के साथ साथ फेसबुक पर पुलिस और कोयले से जुड़े कारोबारियों पर दबाव बनाने के लिए पुराने फोटो और वीडियो को आधार बनाकर उन्हें बदनाम कर रहे हैं। और उन्हीं पुरानी फोटो और वीडियो का इस्तेमाल कर सिंगरौली जिले के रेलवे कोल यार्डो में चलने वाले कोयला लोडिंग के कार्य में छाईं भस्सी और स्टोन डस्ट मिलाने की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है।
बता दें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कमजोर नियमों का फायदा उठाकर लोग यू-टयूब पर न्यूज चैनल व न्यूज पोर्टल बनाकर या फिर फेसबुक पेज पर पत्रकारिता के पेशे से जुड़ रहे हैं। इसमें से कुछ लोग तो समाजसेवा की भावना को लेकर तो कुछ ऐसे लोग अपना अवैध कारोबार चमकाने या फिर ब्लैक मेलिंग करने के लिए इस पेशे से जुड़ रहे हैं। ऐसे लोग पत्रकारिता की आड़ लेकर प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारियों के पास निचले स्तर के स्टाफ की झूठी शिकायत कर उनका मनोबल गिराने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सिंगरौली जिले में देखने को मिला है। जहां पुराने वीडियो और फोटो के आधार पर कोयला में छाई – भस्सी मिलायें जाने की खबरें चलाई जा रही है जो पूरी तरह से झूठी और भ्रामक है। पिछले दिनों एसपी सिंगरौली द्वारा एक टीम गठित करके औचक निरीक्षण किया गया। जहां सैकड़ों गाड़ियों की चेकिंग की गई लेकिन छाई भस्सी की मिलावट वाली जैसी कोई भी चीज नहीं पाई गई। इसके बाबजूद भी तथा कथित लोग पुलिस और इंडस्ट्री में कोयला सप्लाई करने वाले लोगों को बदनाम कर रहे हैं। Singrauli News
बताया जा रहा है कि कुछ तथाकथित असामाजिक तत्व मीडिया जगत में एंट्री लेकर पुलिस और पावर कंपनियों को कोयले की आपूर्ति करने वाली कंपनियों पर दबाव बनाते हुए परेशान कर रहे हैं। वह जिले में चल रहे कोयले से जुड़े कामों को चलाना चाहते है। उसके ये मंसूबे कामयाब नहीं हुए तो वह पत्रकारिता की आड़ लेकर यूट्यूब और सोशल मीडिया के जरिए पुराने वीडियो और फोटो पर खबरें चला रहे हैं। वहीं कोयला आपूर्ति करने वाले कारोबारियों पर दबाव बनाकर पैसे की डिमांड कर रहे हैं। Singrauli News