Singrauli News : सिंगरौली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने के लिए नगर निगम हर महीने करोड़ों रुपए पानी की तरह बाहर है लेकिन निगम प्रशासन कचरा उठाव जरूर शुरू किया लेकिन निस्तारण नहीं होने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। बार्डो से उठाया गया कचरा बलियारी इलाके में बेतरतीब तरीके से डंप कर पहाड़ खड़ा कर दिया गया है। कचरे का संग्रहण करने वाली सीता दिल कंपनी रेलवे लाइन के ऊपर कचरे का पहाड़ खड़ा करने से आसपास के इलाके का वातावरण पूरी तरह से प्रदूषित हो रहा है वहां के लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है।
बता दे की नगर निगम क्षेत्र में कचरे का उठाव और निस्तारण करने की जिम्मेदारी सिटाडेल कंपनी के जिम्मे है। लेकिन करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद घर-घर जाकर गीला व सूखा कचरा कलेक्शन कर खाद बनाने की योजना जमीनी स्तर पर नहीं पहुंच सकी है।सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के तहत बैढ़न के गनियारी के पास कचरा निस्तारण प्लांट लाखों रुपये खर्च कर लगाया गया है। वहां पर कचरे से जैविक खाद बनाकर बाजार में बेचना था, लेकिन सीटाडेल कम्पनी सिर्फ ट्रायल में ही यहां से कुछ किलो खाद बनाई इसके बाद से सिर्फ दिखावे के लिए प्लांट में खाद बनाई जाती है। जिससे प्रतिदिन शहर से निकलने वाले कचरे का निष्पादन नहीं हो रहा है। यहां खाद बनाने का काम महज दिखावा भर है। सफाई एजेंसी (सीटाडेल) घर -घर जाकर कचरा का कलेक्शन भी सत प्रतिशत नहीं कर रही है। वहीं बलियरी के कचरा डंपिंग इलाके में पशुओं का जमावड़ा हर समय बना रहता है। कचरा गाड़ी पहुंचते ही जानवर डंप किए गए कचरे में अपने भोजन की तलाश में जुट जाते हैं और कचरा तथा पालीथिन खाकर अपना पेट भरते हैं, जिसकी वजह से पशुओं में बीमारी होने का भय बना रहता है. 2019 से काम कर रही सीटाडेल कंपनी खुलेआम भ्रष्टाचार कर रही है परन्तु जिम्मेदारों को यह सब दिखायी नहीं देता।
रेलवे ट्रैक के किनारे कचरा किया जा रहा डंप
नगर निगम की सफाई एजेंसी घर -घर सूखा व गीला कचरा कभी कलेक्शन भी करती है तो वह उसे सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के तहत बैढ़न के गनियारी के पास बने कचरा निस्तारण प्लांट में ले जाकर अलग – अलग रखने के बजाए उसे रेलवे रेलवे ट्रैक के बगल में लेकर जाकर डंप कर रही है। हालत यह है कि हवा चलते ही रिहाईशी क्षेत्र में सड़े कचरे की बदबू से लोग परेशान हैं। जबकि एजनीटी का स्पष्ट आदेश है कि कचरे को सड़क व बस्ती के किनारे डंप नहीं करना है। इसके बाद भी रिहायशी इलाकों में कचरा को फेंका जा रहा है।
चार साल पहले लगा था कचरा निस्तारण प्लांट
कचरे से खाद बनाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने गनियारी में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के तहत स्क्रीनिग मशीन लगाई गई है। लेकिन यहां के 45 वार्डो के कचरे के निस्तारण के लिए यह मशीन सिर्फ शोपीस बनकर रह गई है। मजदूरों के जरिए कचरे का कलेक्शन भी बेतरतीब तरीके से कराया जा रहा है। यहां सूखा कचरा और गीला कचरा एक साथ संग्रहण किया जाता है। सूत्रों का दावा है कि 4 साल में सीटाडेल कंपनी नाम मात्र के लिए कचरा निस्तारण का काम किया है।