Singrauli news : सिंगरौली। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सिंगरौली चन्द्रशेखर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक सिंगरौली निवेदिता गुप्ता एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा के निर्देशानुसार, एवं खनिज अधिकारी एके राय के मार्गदर्शन में खनिज विभाग में पदस्थ सहायक खनिज अधिकारी कपिल मुनि शुक्ला, डॉ. विद्याकान्त तिवारी के साथ विभागीय अमले को लेकर खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण की रोकथाम हेतु जांच के दौरान दिनांक 18/03/2024 को जयन्त बलिया नाला में दो पॉवर ट्रेक्टर को खनिज रेत का अवैध उत्खनन करते हुए पाये जाने पर जप्त कर सुरक्षार्थ पुलिस चौकी जयन्त परिसर में खड़ा किया गया है। ट्रेक्टर-ट्राली एवं मालिकों व चालकों के विरूद्ध खनिज नियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर मध्य प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम 2022 के तहत कार्यवाही हेतु कलेक्टर सिंगरौली के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। उपरोक्त कार्यवाही में सैनिक प्रकाश मिश्रा, महावीर शाहू, गजानन्द कुमार एवं दीनबन्धू शामिल रहे।
बरका-जगहत-जमगढ़ी समिति ने खरीदा करोड़ों रुपए की फर्जी धान, किसान भी जा सकते हैं जेल…
जांच हुई तो समिति प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटरों पर गिर सकती हैं गाज, कलेक्टर से जांच कराने की मांग
पुत्र,भाई एवं रिश्तेदारों के नाम बेंची गई धान
सिंगरौली। जिले में इस साल का धान खरीदी मामले में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. बरका जगहत और जमगढ़ी समिति में धान खरीदी केंद्र में फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए की धान खरीदी की गई है. मामले में समिति प्रबन्धक और कम्प्यूटर ऑपरेटर मिलकर धान खरीदी में फर्जीवाड़ा किये हैं। वहीं दर्जन भर किसान धान अपने धान का भुगतान के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। जमगढ़ी समिति में बड़े ही शातिराना तरीके से फर्धाजी किसानों से धान की खरीदी की गई. इस मामले में सात किसानों को भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है. हालांकि अधिकारी समिति प्रबंधक को पर्याप्त समय दें रहे हैं ताकि वह अपने बचाव के लिए दस्तावेज तैयार कर लें। Singrauli news
बता दें कि जिले में बरका जगहत और जमगढ़ी समिति में करोड़ों रुपए के धान खरीदी में हेर फेर किया गया है। जमगढ़ी समिति से 522 क्विंटल धान गायब हो गई है। समिति प्रबंधक राम भुवन ने पैसा लेकर फर्जी सात किसानों के नाम धान खरीदी कर ली। सूत्रों का दावा है कि बिना धान खरीदे फर्जी किसान बृजेश सिंह के नाम 250 बोरी धान, जगजीवन 346 बोरी, रामलाल गुप्ता के नाम 400 बोरी धान और दरोगा गुप्ता के नाम 500 बोरी धान खरीदें बिना ही नाम पर चढ़ा दिया गया। अब समिति प्रबंधक खुद को बचाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। वहीं समिति प्रबंधक जगहत शैलेंद्र पाठक ने अपने समिति में धान की बिक्री न कर दूसरे समिति में धान की बिक्री की है ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर समिति प्रबंधक ने अपने समिति में धान की बिक्री क्यों नहीं की। ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि निश्चित रूप से कहीं न कहीं गड़बड़ी हुई है। Singrauli news
रिश्तेदारों के नाम की धान की बिक्री
चर्चा है कि जमगढ़ी समिति प्रबंधक ने फर्जी किसानों से 19 रूपए प्रति किलों के हिसाब से पैसे लेकर नाम चढ़ाए हैं जबकि किसानों को 21.83 पैसे के रेट से भुगतान होगा। सूत्रों का दावा है कि जगहत समिति प्रबंधक शैलेंद्र पाठक के नाम से नहीं बल्कि उनके पुत्र तथा रिश्तेदारों के नाम से भी बरका समिति में धान की बिक्री हुई है। ऐसी स्थिति में यह कहना गलत नहीं होगा कि सभी प्रबंधक के इशारे पर ही उनसे जुड़े हुए लोग दूसरे समिति में धान की बिक्री किए हैं। ऐसे में यह आरोप लगाया जा सकता है कि शायद जगत समिति में भी इन्होंने धान की बिक्री की है और बरका समिति में फर्जीबाड़ा किया गया है। फिलहाल यह सब जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा लेकिन समिति प्रबंधक के ऊपर इन दिनों तरह तरह के आरोप लगाए जा रहे है | Singrauli news
बरका समिति में धान बेचने पर खड़े हो रहे सवाल
बताया जा रहा है कि देवसर के जगहत समिति प्रबंधक शैलेंद्र पाठक ने तमाम किसानों की धान अपने समिति में खरीदी है और और अपनी तथा अपने भाई पुत्र एवं रिश्तेदारों की धान दूसरे समिति में बिक्री कराई है। इसकी वजह क्या हो सकती है। दरअसल इन दिनों एक सोशल मीडिया में बरका समिति में धान की बिक्री करने वाले कुछ किसानों की सूची वायरल हो रही है जिसमें जगहत समिति प्रबंधक शैलेंद्र पाठक तथा उनके पुत्र धीरज पाठक तथा उनके भाई रवि शंकर पाठक के अलावा कुछ ऐसे और किसानों का नाम शामिल है जो जगहत समिति प्रबंधक के करीबी बताए जा रहे हैं इन सभी किसानों के नाम से बरका समिति में धान की बिक्री क्यों की गई यह अपने आप में संदेहास्पद है। Singrauli news
जांच में हो सकता है बड़ा खुलासा
बरका जगहत और जमगढ़ी समिति में धान खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। धान खरीदी में समिति प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर ने जमकर हेर फेर किया है। यदि निष्पक्ष जांच होगी तो कई फर्जी किसान ही जेल जाएंगे। सूत्रों का दावा है कि धान की घटतौल, क्वालिटी और किसानों के फर्जी नाम पर करोड़ों रूपए का खेला किया गया है। यदि इन समितियों की जांच हो तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। Singrauli news