Osho Birthday Special : अमेरिका(america) से ओशो(osho) के निर्वासन के बाद, जब वे भारत(bharat) में अपने पुणे आश्रम लौटे, तो वे कुछ समय के लिए मौन रहे. लेकिन जिस दिन यह चुप्पी टूटती है, वे इस शब्द पर जोर देते हैं, ‘जबलपुर मेरा पर्वत स्थान है, जहां मैं परम (param) सुखी हूं।’
Osho Birthday Special : ओशो ने अमेरिका (america) से देखा था और कहा था- जबलपुर मेरे हाड़-मांस में बसा, सबसे ज्यादा सुख मुझे यहीं मिला.
जमालपुर। अमेरिका से ओशो के निर्वासन के बाद, जब वे भारत में अपने पुणे आश्रम लौटे, तो वे कुछ समय के लिए मौन रहे. लेकिन जिस दिन यह चुप्पी टूटती है, वे इस शब्द पर जोर देते हैं, ‘जबलपुर मेरा पर्वत स्थान है, जहां मैं परम सुखी हूं।’ दरअसल, समाना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि संस्कारधारी उन्हें बेहद प्रिय हैं. इसी वजह से जब उन्होंने जमालपुर को विदा किया तो मेरी सफाई गैर समारोह में शाहिद ने आपके समारोह के साफ शब्दों में कहा कि जमालपुर मेरी अस्थियों में विराजमान है, इस शहर को याद करना मेरे लिए अधूरा होगा. Osho Birthday Special
बिस आचार्य रजनीश एक साल के लिए जगलपुर में रहने के लिए एक लंबा सफर तय करके आए थे. वह मित्र एक मेधावी क्रांतिकारी छात्र, पत्रकार और धर्मनिष्ठ मुकुल, ज्योतखा और क्रांति दल पत्रिका युक्रांत का प्रकाशन, जीवन ज्योति के केंद्र की स्थापना और अन्य संस्मरण उनके समकालीनों द्वारा आज भी सुनाए जाते हैं. जमालपुर के पुराने सुषमा साहित्य मंदिर से किताबें खरीदने का शौक भी अनसुना था. Osho Birthday Special
जबलपुर में ओशो: आचार्य रजनीश ने दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैलाया, जबलपुर में पढ़ाई और काम करते हुए ओशो फिर से अध्यात्म की राह पर चल पड़े
जबलपुर में ओशो: आचार्य रजनीश ने दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैलाया, जबलपुर में पढ़ाई और काम करते हुए ओशो फिर से अध्यात्म की राह पर चल पड़े. Osho Birthday Special
जीवनकाल: कुल मिलाकर छह दशक
जन्मभूमि कुचवाड़ा – एक दशक
होमनगर गाडरवारा – एक दशक
कर्मभूमि जमालपुर – दो दशक
चुनावी भूमिका मुंबई-पुणे – एक दशक
वर्ल्ड अर्थ लिफ्ट यूएसए और भारत – एक दशक
‘ओशो वृक्ष’ के रूप में विश्व प्रसिद्ध हुआ ‘मौलश्री’:
ओशो केगेल के अनुसार साक्षी स्वामी अधिपति अधिपति भारती के जयमलपुर भी वह शहर है जहाँ संबोधि मौलश्री भंवर्ताल पार्क में स्थित है. दुनिया भर में फैले तथागत गौतम बुद्ध के लाखों अनुयायियों के लिए बोधिगया का महत्व, देश-दुनिया में फैले लाखों ओशो प्रेमियों के लिए यह ‘ओशो वृक्ष’ क्या है इस बारे में बताया गया हैं. Osho Birthday Special
महाकौशल कॉलेज में ‘ओशो चेयर’
दर्शन के महान विद्वान आचार्य रजनीश द्वारा दिए गए संबोधन के कारण जमालपुर की सबसे पुरानी महाकोशल वाले इस शहर का नाम रॉबर्टसन की अध्ययन की उल्लेखनीय शैली के नाम पर रखा गया है. उसी पुस्तक में उनकी आरामकुर्सी को ‘ओशो चेयर’ के रूप में उनकी स्मृति को जीवित रखते हुए संजोया गया है. पुस्तकें भी यहाँ संकलित हैं, आचार्य रजनीश की टिप्पणियाँ पढ़ने के बाद पिछले पृष्ठ पर लिखने के लिए हस्ताक्षर किये गए हैं. आप किताबों को रखने वाले रजिस्टरों में उनके हस्ताक्षर भी देख सकते हैं. Osho Birthday Special
अध्ययन स्थल डीएन जैन और सिटी कॉलेज:
वे पूर्व वक्ता के पन्ने पलटते हैं कि रजनीश ने ज्ञान की शिक्षा अपने गृह नगर गाडरवारा में स्थानीय स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद जबलपुर में प्राप्त की. इसी सिलसिले में उन्होंने जबलपुर के डीएन जैन और सिटी कॉलेज में दाखिला लिया. जब उन्होंने स्नातक किया, तो उन्होंने मास्टर की उपाधि के लिए आवेदन किया और कुछ समय के लिए समुद्री यात्रा पर चले गए. कई बार उपाधियों का मिलान कर कभी-कभी एक शब्द में रायपुर को प्राध्यापक नियुक्त कर दिया जाता था. लेकिन जैमलपुर का प्रेमता तबादला यहां जल्दी आ गया है. फिर महाकोश कॉलेज में तत्त्वज्ञान का जन्म हुआ. Osho Birthday Special
ओशो हाल और ओशो रॉक्स:
नेपियर टाउन, जमालपुर में ‘जे योगेश भवन’ में आचार्य रजनीश का मुख्य निवास, देश और दुनिया भर में लाखों ओशो प्रेमियों द्वारा उनके ‘ओशो’ के रूप में जाना जाता है. भेड़ाघाट के बंदरकुदनी में स्थित संगमारी शिला वाशो सन्यास अमरीधाम, देवताल के अंतर्गत मदनमहल पहाड़ी चट्टान को सामूहिक रूप से ‘ओशो रॉक्स’ कहा जाता है. Osho Birthday Special