लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ समारोह में भाग लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज केवड़िया पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान तीनों सेनाओं ने सलामी दी. पुलिसकर्मियों ने तिरंगा झंडा फहराते हुए परेड की. साथ ही कई अन्य कार्यक्रम हुए. शाह राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में शामिल हुए और कार्यक्रम के बाद अमित शाह ने अपना संबोधन दिया। अमित शाह ने कहा कि आज सरदार पटेल की जन्म जयंती है। मैं पूरे देश में करोड़ों देशवासियों को बताना चाहता हूं कि सदियों में कोई एक सरदार बन पाता है, वो एक सरदार सदियों तक अलख जगाता है।
अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल की दी हुई प्रेरणा ने ही आज देश को एक और अक्षुण्ण रखने का कार्य किया है। आज उनकी प्रेरणा देश को आगे ले जाने में, हमें एकजुट रखने में सफल हुई है। उन्होंने कहा कि केवड़िया किसी जगह का नाम नहीं है, ये तीर्थ स्थान बन गया है। राष्ट्र की एकता का तीर्थ स्थान, देश भक्ति का तीर्थ स्थल और आज ये आसमान को छूने वाली स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पूरी दुनिया को संदेश दे रही है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा कि सरदार पटेल का जीवन हमें बताता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, लौह नेतृत्व और अदम्य राष्ट्रप्रेम से देश के भीतर की सभी विविधताओं को एकता में बदल कर एक अखंड राष्ट्र का स्वरूप दे सकता है। सरदार साहब ने देश के एकीकरण के साथ आजाद भारत की प्रशासनिक नींव रखने का भी काम किया।मातृभूमि के लिए सरदार साहब का समर्पण, निष्ठा, संघर्ष और त्याग हर भारतवासी को देश की एकता व अखंडता के लिए खुद को समर्पित करने की प्रेरणा देता है। अखंड भारत के ऐसे महान शिल्पी की जयंती पर उनके चरणों में वंदन व समस्त देशवासियों को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ की शुभकामनाएं।
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आज केवड़िया में ‘Statue of Unity’ पर राष्ट्रीय एकता के प्रतीक सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती पर उनके चरणों में नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की। #NationalUnityDay pic.twitter.com/716PhBWyuC
— Amit Shah (@AmitShah) October 31, 2021
अमित शाह ने कहा, सरदार साहब ने भारत को एक करने का काम किया मगर दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरदार साहब को भुलाने का प्रयास किया गया. आजादी के बाद उनके योगदान को उचित सम्मान, उचित स्थान कभी नहीं मिला. न ही उन्हें भारत रत्न दिया गया, न उनको उचित सम्मान दिया गया मगर कहते हैं कि सूर्य को कोई कितनी देर तक अलग कर रख सकते हैं. आज सरदार साहब को भारत रत्न भी मिला है और विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा हम सबकी नजरों के सामने हैं. यह स्टैचू ऑफ यूनिटी पूरी दुनिया को संदेश है कि भारत की एकता को कोई तोड़ नहीं सकता.
अपनी दमदार छवि के चलते उनके नाम में सरदार शब्द जुड़ गया और वो सरदार पटेल के नाम से प्रचलित हो गए. पटेल जी आजाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री रह चुके हैं. उनके योगदान को अमर बनाने के लिए साल 2014 में भारत सरकार ने Sardar Vallabhbhai Patel की जयंती को National Unity Day यानी राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.