प्रयागराज. देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का अब तक इलाज नहीं मिल पाया है कई देश इस बीमारी का वैक्सिंग बनाने का दावा कर रहे हैं लेकिन इन दावों में कितने सच्चाई है अब तक कह पाना जल्दबाजी होगा लेकिन इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कोविड-19 के मरीजों को ठीक करने में सफलता मिली है. कोरोना वायरस (C0vid-19) से लड़ने के लिए सबसे जरूरी है कि व्यक्ति की इम्युनिटी स्ट्रांग हो। सरकारों ने भी अच्छे और इम्युनिटी बढ़ाने वाले खानपान पर जोर दिया है। अब तक जितने कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हुए हैं, उनमें उनके खानपान पर विशेष ध्यान रखा गया है। अस्पताल में एडमिट होने से लेकर क्वारंटाइन पीरियड तक, लोगों को इस तरह के खानपान की सलाह दी जा रही है, तो उनकी इम्युनिटी बढ़ाए और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने में कारगर साबित हो। इसी का नतीजा रहा कि अब तक आठ लोगों ने जानलेवा कोरोना वायरस पर विजय पा ली है। स्वस्थ होकर घर गए।
अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. वीके मिश्रा के मुताबिक मरीजों को वही खाना (Diet For Covid-19) दिया जाता है, जो उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सके। हमारे अपने सादे खाने में बहुत ताकत है। यह बात अब साबित हो चुकी है। कोटवा अस्पताल में कुल नौ कोरोना संक्रमित मरीज रखे गए थे। इनमें से अब तक आठ लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। बाकी एक संक्रमित युवक भी ठीक हो रहा है। 14 दिनों तक उन्हें यहां सिर्फ सादा नाश्ता और खाना दिया जाता था।
खानपान में दिया जाता है विशेष ध्यान- मिली जानकारी के मुताबिक सभी संक्रमित लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने में विशेष ध्यान दिया जा रहा है खाने में लोगों को सुबह 6:30 बजे चाय के साथ बिस्किट व कोई नमकीन दी जाती है। इसके बाद नौ बजे उन्हें हल्का नाश्ता जैसे पोहा, सादी पकौड़ी आदि दिया जाता है। दोपहर करीब 12 बजे उन्हें खाना मिलता है। इसमें दाल, रोटी, चावल और सब्जी होती है। दाल कभी अरहर की होती है तो कभी मिक्स। कभी-कभी राजमा आदि भी दिया जाता है। दोपहर बाद तीन से चार बजे के बीच उन्हें खाने के लिए फल मिलता है। इनमें संतरा, केला के साथ अन्य मौसमी फल होते हैं। पांच बजे के आसपास फिर चाय, बिस्किट और नमकीन दिया जाता है। इसके बाद रात में करीब नौ बजे फिर सादा खाना दाल, रोटी, चावल और सब्जी खाने में मिलता है। पूरे 14 दिनों तक यहीं उनका रुटीन होता है।
बीमारी के मुताबिक देते हैं दवाइयां कोरोना संक्रमित लोगों का कोई इलाज नहीं है। 14 दिनों तक क्वारंटीन के दौरान सादे व नियमित खाने के अलावा अगर उन्हें कोई दिक्कत होती है तो उसकी दवाएं दी जाती हैं। जैसे बुखार है तो बुखार की दवा, शरीर में दर्द या खांसी है तो उसकी ही दी जाती है। इसके अलावा एक एंटी बायोटिक गोली देते हैं।
अभी कोरोना संक्रमितों का कोई इलाज नहीं है। यहां उन्हें सिर्फ समय-समय पर नाश्ता व खाना दिया जाता है। खाना सादा होता है। तेल, मसाला बिल्कुल भी नहीं होता है। शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने वाला खाना ही खिलाया जाता है। दिन में एक बार फल भी दिया जाता है। इसी अभी तक आठ लोग ठीक हुए हैं। –डॉ. वीके मिश्रा,नोडल अधिकारी, कोविड 19 एलवन अस्पताल, कोटवा
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