सिंगरौली : जिला पंचायत सीईओ एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। अभी जिला शिक्षण केंद्र के डाटा एंट्री ऑपरेटर का मामला शांत भी नहीं हुआ कि अब सीईओ ने अपने मातहत कर्मचारी जिसका मूल पद जिला पंचायत में है फिर भी उन्हें नियम विरुद्ध तरीके से चितरंगी जनपद में संचालित योजनाओं में वांछित प्रगति के लिए अस्थाई तौर पर अटैच कर दिया है। हालांकि सीईओ को दंड देना विशेषाधिकार है लेकिन पद के विरुद्ध देना नियम के खिलाफ है।
मिली जानकारी के अनुसार जिला पंचायत सीईओ ने संचालित योजनाओं में वांछित प्रगति के लिए जिला पंचायत में पदस्थ तकनीकी सहायक विपुल सिंह बघेल को जनपद पंचायत चितरंगी में अस्थाई रूप से अटैच करने का आदेश जारी किया है। अब सवाल यह है कि जब जनपद पंचायत में तकनीकी सहायक का कोई पद नहीं है ऐसे में जिला पंचायत में पदस्थ तकनीकी सहायक को जनपद में कैसे अटैच किया गया। चर्चा हैं कि जिला पंचायत सीईओ तकनीकी सहायक से नाराज है यही वजह है कि हालांकि इस तबादले को लेकर ना तो तकनीकी सहायक विपुल सिंह बघेल कुछ बोलने को तैयार है और ना ही जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी बता रहे हैं। लेकिन चर्चाओं के मुताबिक जिला पंचायत सीईओ तकनीकी सहायक से नाराज है लेकिन किस बात से नाराज है यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। नाराज स्वरूप यह आदेश जारी किया है। जबकि जनपदों में यह पद स्वीकृत नहीं है।
सीईओ के चहेते बने चर्चित शाखा सहायक
बता दे की जिला पंचायत में अटैच चर्चित शाखा सहायक डीपी चौधरी को पूर्व सीईओ साकेत मालवीय जिला पंचायत से भार मुक्त कर उन्हें जनपद बैढ़न में वापस भेज दिया था। लेकिन सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश उन्हें वापस जिला पंचायत में अटैक कर लिया। साथ ही उन्हें पंचायत स्थापना और न्यायालय शाखा जैसे अहम पदों की जिम्मेदारी दे दी। बताया जा रहा है कि वह सीईओ के सबसे चहेते कर्मचारियों में से एक है। यह अलग बात है कि डीपी चौधरी के पास सैकड़ो शिकायत लंबित है। शिकायतों का निराकरण नहीं होता है बल्कि जिनकी शिकायत होती है वह डीपी चौधरी और सीईओ से मेल मुलाकात करते है। लेकिन मेल मुलाकात के क्या मायने हैं यह सीईओ और डीपी चौधरी बता सकते हैं या फिर जिससे मुलाकात होती है। सूत्र बताते हैं कि शाखा सहायक में बिना चढ़ोतरी के कोई भी काम नहीं हो रहे हैं।
मानवाधिकार तक पहुंची शिकायत
जिला पंचायत सीईओ पर अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दलवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर अजय सिंह चौहान को प्रताड़ित करते हैं क्योंकि वह सवर्ण जाति से हैं हालांकि इसमें कितनी सच्चाई हैं यह तो कहा नहीं जा सकता है लेकिन यह मामला अभी भी तूल पकड़ा हुआ है। और इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुकी है।
जनपद सीईओ नहीं होने से काम हो रहा प्रभावित
लंबे समय में चितरंगी जनपद में जनपद सीईओ का पद रिक्त है ऐसे में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हो रहा था, अधिकारी भी दबी जुबान योजनाओं के क्रियान्वयन नहीं हो पाने की बात स्वीकार कर रहे थे। लेकिन कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा था अब जब जिला पंचायत सीईओ ने जिला पंचायत में पदस्थ तकनीकी सहायक को अटैच किया जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन जनपद पंचायत चितरंगी में नहीं हो पा रहा है।