बरगवां 10 अगस्त। बरगवां थाना क्षेत्र के गोंदवाली में पिछले सोमवार को कोलयार्ड में मिक्सिंग कोयले की जांच करने संयुक्त टीम पहुुंची थी, लेकिन एक सप्ताह के बीच खनिज विभाग ने क्या कार्रवाई की है, इस पर रहस्य बरकरार है। वही खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नही हैं। जिसको लेकर दिनों दिन खनिज अधिकारी सवालों के कटघर्रे में घिरते जा रहे हैं। वहीं चर्चा है कि आखिर कोयला माफियाओं को कौन संरक्षण दें रहा हैं।
गौरतलब है कि कोलयार्ड गोंदवाली में कोयला मिक्सिंग की शिकायतें मिल रही थी और सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था। कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला के सख्त निर्देश के बाद खनिज, राजस्व एवं पुलिस की नींद टूटी। पिछले सप्ताह संयुक्त टीम कोलयार्ड पहुंच कोयले का सेम्पल तो ले लिया है, लेकिन छापामार कार्रवाई के करीब छ: दिनों बाद क्या कार्रवाई की गई, इसका जवाब खनिज विभाग नही दे रहा है। जबकि बरगवां पुलिस संबंधित कारोबारियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई भी की है। परंतु कोयला मिक्सिंग के मामलेे में खनिज विभाग की चुप्पी पर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
गोदवाली कोलयार्ड के कोयला मिक्सिंग में एक जनप्रतिनिधि का नाम सामने आ रहा है। चर्चा है कि पिछले दिनों कोयले में मिलने के लिए ले जा रहे भस्सी की जो गाड़ी ग्रामीणों द्वारा पकड़ी गई थी। वह जनप्रतिनिधि से जुड़े लोगों की थी। वहीं कोलयार्ड में महाकाल, मॉ काली, अघोर सहित अन्य कोल कारोबारियों के मिक्सिंग में संलिप्तता होने की काफी चर्चाएं हैं। उक्त आरोपों में कितना दम है, यह तो निष्पक्ष जांच के बाद ही सही पता चल पायेगा, लेकिन कोल कारोबारी खनिज अमले पर दबाव बनाने में तरह-तरह के हत्थकण्डा अपना रहे हैं और अभी तक वे सफल होते दिख रहे हैं।